अंतरिक्ष में भारत का मलबा: NASA को इसरो का जवाब

Wednesday, Apr 03, 2019 - 12:52 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत के एंटी सेटेलाइट मिसाइट परीक्षण (ASAT) पर अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा द्वारा इसके मलबे को भयंकर बताने पर इसरो ने जवाब दिया है। इसरो चेयरमैन के सीनियर एडवाइजर तपन मिश्रा ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिक ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिससे भारत को शर्मिंदगी उठानी पड़े। उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति प्रयोग से जो मलबा हुआ है वो अगले 6 महीनों के अंदर जलकर खत्म हो जाएगा। हमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेंशंस सेंटर (SAC) के पूर्व निदेशक रह चुके तपन मिश्रा ने उदाहरण देते हुए कहा कि अक्सर होता है कि शादी के दिन आपके कुछ सबसे अच्छे दोस्त भी खाने की आलोचना करते हैं। हम जब कुछ अलग करते हैं तो हमें हमेशा फूलों की माला नहीं पहनाई जाती है। यह जीवन का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष में 300 किमी की ऊंचाई पर परीक्षण किया है जहां वायु का दबाव बहुत ही कम होता है लेकिन अगले 6 महीनों में इसका मलबा जलकर नष्ट हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ का प्रयोग कोई विस्फोट नहीं था बल्कि बुलेट की तरह था और इसका कचरा समय के साथ खत्म हो जाएगा। तपन ने कहा कि आज भी चीन का फैलाया कचरा अंतरिक्ष में तैर रहा है। पर हमारे भारतीय वैज्ञानिकों की क्षमता को देखकर मैं आश्वस्त हूं कि उन्होंने सभी गणनाएं करने के बाद ही परीक्षण किया जिससे मलबा जल्द ही नष्ट हो जाएगा। तपन ने कहा कि अंतरिक्ष में मौजूद मलबा पहले से ही बहुत बड़ा है और कई देश अपने रडार, कैमरा और टेलिस्कोप से उस पर निगरानी कर रहे हैं। सभी देश एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत जानबूझकर ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाएगा जिससे अंतरिक्ष में दुर्घटनाएं हों।

भारत पहले भी कह चुका है कि पृथ्वी की सतह से 300 किमी दूर लो अर्थ ऑर्बिट में यह परीक्षण किया गया है जिससे पैदा हुआ कचरा अपने आप नष्ट हो जाएगा और कुछ हफ्तों के भीतर धरती पर गिर जाएगा क्योंकि 300 किमी ऊंचाई पर वातावरण और गुरुत्वाकर्षण दोनों मौजूद होता है।उल्लेखनीय है कि मंगलवार को नासा ने कहा था कि भारत द्वारा नष्ट किए उपग्रह से अंतरिक्ष की कक्षा में 400 टुकड़ों का मलबा जमा हो गया और इस वजह से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) पर खतरा पैदा हो गया है। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन ने कहा है कि अभी तक करीब 60 टुकड़ों का पता लगाया गया है और इनमें से 24 टुकड़े आईएसएस के दूरतम बिन्दु से ऊपर हैं। उन्होंने यहां नासा टाउनहॉल में कहा कि यह भयानक है, मलबा और दूरतम बिन्दु तक टुकड़े भेजने की घटना भयानक बात है। भविष्य में मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए इस तरह की गतिविधि अनुकूल नहीं है।

Seema Sharma

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