Video: भारत की बेटी ने बयां किया कश्मीरी पंडितों का दर्द, नरसंहार की दास्तां सुन रो पड़ी दुनिया

Saturday, Nov 16, 2019 - 11:55 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही बौखलाया पाकिस्तान दुनिया के अलग-अलग मंचो पर कश्मीर को लेकर प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश करता रहा है। हालांकि हर बार उसके हाथ नाकामी ही लगी है लेकिन इसके बावजूद वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब कश्मीर की एक बेटी ने 1990 के दौर में हिंदुओं के साथ हुई बर्बरता को उजागर कर पाक के मुंह पर तमाचा मारा है। 

 

भारतीय-अमेरिकी स्तंभकार सुनंदा वशिष्ठ ने आयोग के समक्ष पेश होते हुए सांसदों से कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने अलगाववादियों के समर्थन वाले पैनल में सुनवाई के दौरान कहा कि भारत सिर्फ 70 साल पुराना राष्ट्र नहीं है, जिसे आप देखते हैं। भारत 5,000 साल पुरानी सभ्यता है। भारत के बिना कश्मीर नहीं है। कश्मीर के बिना भारत नहीं है। यह दोनों ओर से है। और मैं यह अपनी पूरी आवाज में कहूंगी। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक विश्वसनीयता बेमिसाल है। वे लोकतांत्रिक ढांचे में सफल रहे हैं, पंजाब और पूर्वोत्तर में उग्रवाद को समाप्त किया है। कश्मीर में उग्रवाद और मानवाधिकार समस्या (कश्मीर में) के खिलाफ भारत को मजबूत बनाने का समय आ गया है। 

सुनंदा ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि मेरे माता-पिता कश्मीरी पंडित हैं, मैं हिंदू कश्मीरी पंडित हूं। हम कश्मीर के उस पीड़ित समुदाय से आते हैं जिन्हें इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। हिंदू महिलाओं का गैंगरेप किया गया और उनके शव के टुकड़े कर के फेंके गए। खून से लथपथ, हिंसा से आक्रांत हम मजबूर और डरे हुए लोग थे जिन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा। उन्होंने कश्मीर पर आंसू बहाने वालो से पूछा कि मानवाधिकारों के ठेकेदार उस समय कहां थे, जब 30 साल पहले आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों को चुन-चुनकर मौत के घाट उतारा था। मानवाधिकारों के ठेकेदार उस वक्त कहां थे, जब कश्मीर में हिंदुओं का खुलेआम कत्ल किया जा रहा था, उनके घर जलाए जा रहे थे और हिंदू बहू बेटियों की इज्जत लूटी जा रही थी।

किसी तरह अपनी जान बचाने में कामयाब रही सुनंदा ने कहा कि उनके परिवार समेत हर हिंदू कश्मीरी को अल्टीमेटम दिया गया कि या तो कश्मीर छोड़ कर चले जाओ या धर्मांतरण कर लें या हमारे बर्बरता का शिकार होने के लिये तैयार हो जाएं। फिर उसी रात लाखों कश्मीरियों ने सदा-सदा के लिये अपनी पुरखों की जमीन को अलविदा कह गया। फिर जो बच गए उसके साथ जो तांडव रचा गया उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। सुनंदा वशिष्ठ द्वारा सुनाई गई आपबीती सुन सभी के रोंगटे खड़े हो गए। उनका यह वीडियो दुनिया भर में तेजी से वायरल हो रहा है। 

vasudha

Advertising