बहरीन में भारत का पाक पर प्रहार, वैश्विक समुदाय से की आतंकवाद के प्रयोग को खारिज करने की अपील

Monday, Aug 26, 2019 - 05:31 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान भारत और बहरीन ने पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करने की यहां रविवार को अपील की। प्रधानमंत्री की इस खाड़ी देश (बहरीन) की यात्रा के दौरान दोनों देश सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने एवं खुफिया सूचना के आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग और अधिक बढ़ाने को सहमत हुए। प्रधानमंत्री मोदी की बहरीन की यात्रा रविवार को संपन्न हुई। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की बहरीन की यह प्रथम यात्रा थी।

बहरीन की अपनी दो दिनों की यात्रा के दौरान मोदी ने इस खाड़ी देश के शाह हमाद बिन ईसा अल खलीफा और शहजादा एवं प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल खलीफा के साथ वार्ता की। वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने बैठकों के दौरान पारस्परिक हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

बयान में किसी देश का नाम लिए बगैर कहा गया, ‘‘दोनों देश दूसरे देशों के खिलाफ आतंकवाद के इस्तेमाल को खारिज करने, आतंकवादी बुनियादी ढांचे को (जहां कहीं अस्तिव में हैं, उन्हें) नेस्तनाबूद करने और अन्य देशों के खिलाफ सभी तरह के आतंकवाद को समर्थन एवं धन की आपूर्ति को काटने तथा सभी आतंकवादी हकरतों को न्याय के दायरे में लाने की सब देशों से अपील करते हैं।''

गौरतलब है कि नयी दिल्ली पाकिस्तान पर यह दबाव डालता रहा है कि वह सीमा पार आतंकवाद को समर्थन करने की अपनी राजकीय नीति और अपनी सरजमीं पर आतंकी संगठनों को समर्थन देना बंद करे। भारत और बहरीन ने आतंकवाद एवं कट्टरपंथ को प्रोत्साहित करने वाले और सामाजिक सौहार्द में खलल डालने वाली गतिविधियों में साइबर जगत के इस्तेमाल की रोकथाम करने सहित साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के तौर तरीकों पर भी चर्चा की।

बयान के मुताबिक दोनों देश सुरक्षा, आतंकवाद की रोकथाम एवं खुफिया सूचना के क्षेत्र में सहयोग और अधिक बढ़ाने को सहमत हुए। दोनों नेताओं ने इस बात का भी जिक्र किया कि आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा समन्वित कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने आतंकवादियों और उनके संगठनों की संयुक्त राष्ट्र द्वारा व्यापक पाबंदी की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्रीय संपर्क परियोजनाएं अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित होनी चाहिए। इसमें अन्य देशों की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए।

 

Yaspal

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