अफगानिस्तान को लेकर भारत का दृष्टिकोण ‘विशेष संबंध'' पर आधारित: तिरुमूर्ति

Thursday, Jan 27, 2022 - 05:14 PM (IST)

 संयुक्त राष्ट्रः भारत ने कहा है कि अफगानिस्तान के प्रति उसका दृष्टिकोण हमेशा अफगान लोगों के साथ उसके ‘‘विशेष संबंध'' द्वारा निर्देशित रहा है और नयी दिल्ली संघर्षग्रस्त देश के लोगों के लिए बहुत जरूरी मानवीय सहायता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने बुधवार को अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन पर सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के सबसे बड़े क्षेत्रीय विकास भागीदार के रूप में भारत अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करने के लिए इच्छुक है ताकि अफगान लोगों को अति आवश्यक मानवीय सहायता के त्वरित प्रावधान को सक्षम बनाया जा सके।

 

तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘अफगान लोगों के साथ हमारे विशेष संबंध और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रस्ताव 2593 में वर्णित निर्देश अफगानिस्तान के प्रति भारत के दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करना जारी रखेंगे। हम अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर कायम हैं।'' उन्होंने कहा कि इस प्रयास में भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और जीवन रक्षक दवाएं तथा कोविड-19 रोधी टीकों की 10 लाख खुराक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। भारत ने पिछले महीने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए परिषद के अन्य सदस्यों का साथ दिया।

 

यह भी सुनिश्चित किया गया कि सुरक्षा परिषद धन का अनुचित इस्तेमाल और प्रतिबंधों से छूट के दुरुपयोग के खिलाफ अपनी निगरानी रखे। तिरुमूर्ति ने दोहराया कि मानवीय सहायता निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर आधारित होनी चाहिए तथा सहायता का वितरण गैर-भेदभावपूर्ण और सभी के लिए सुलभ होना चाहिए, चाहे जातीयता, धर्म या राजनीतिक विश्वास कुछ भी हो। अफगानिस्तान वर्तमान में मानवीय आपदा के कगार पर है क्योंकि कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने देश में तालिबान के सत्ता में आने के बाद काबुल को सहायता निलंबित कर दी है या उसमें काफी हद तक कटौती कर दी है।

Tanuja

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