2022 तक भारत का 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना असंभव : आईआईएम-आई निदेशक

Friday, Dec 06, 2019 - 06:26 PM (IST)

इंदौर : इंदौर के भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम-आई) के निदेशक हिमांशु राय ने शुक्रवार को कहा कि अलग-अलग कारकों के चलते देश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2022 तक 5,000 अरब डॉलर के स्तर तक पहुंचाया जाना किसी भी सूरत में संभव नहीं है। उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि देश वर्ष 2024 या 2025 तक यह बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकता है। राय, स्थानीय उद्यमियों की संस्था इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन (आईएमए) के एक भावी कार्यक्रम को लेकर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। वह इस कार्यक्रम की आयोजन समिति के अध्यक्ष हैं। 


राय ने एक सवाल पर कहा,"देश में 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की पूरी क्षमता है। लेकिन अलग-अलग कारकों के चलते वर्ष 2022 तक ऐसा होना बिल्कुल भी संभव नहीं दिखता।" आईआईएम-आई निदेशक ने कहा, "वर्ष 2022 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए हमें 20 प्रतिशत की दर से वृद्धि करनी होगी और मौजूदा कारकों को देखते हुए इस रफ्तार से वृद्धि असंभव है।" राय ने हालांकि कहा,"हम 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को वर्ष 2024 या 2025 तक हासिल कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए सरकार को औद्योगिक जगत और अन्य तबकों के लोगों को साथ लाकर विचार मंथन करना होगा। इसके साथ ही, नियोजकों की भावी जरूरतों के मुताबिक युवाओं का कौशल विकास करना होगा।" उन्होंने कहा कि इन दिनों दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं दबाव से जूझ रही हैं और भू-राजनीतिक व भू-रणनीतिक कारकों के वर्तमान प्रभाव से भारत की अर्थव्यवस्था भी जाहिर तौर पर अछूती नहीं रह सकती। 


गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश को वर्ष 2024 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। राय ने बताया कि आईएमए का आगामी 17 जनवरी से शुरू होने वाला अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन "5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था : नजरिए से हकीकत तक" थीम पर आयोजित होगा। दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान मशहूर उद्योगपति व सामाजिक कार्यकर्ता अनु आगा को "लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड" प्रदान किया जाएगा।

shukdev

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