रोहिंग्या शरणार्थी मामलाः UNHRC की निंदा का भारत ने दिया करारा जवाब

Tuesday, Sep 12, 2017 - 07:15 PM (IST)

जिनेवाः रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को देश से बाहर भेजने की कोशिशों की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की ओर से निंदा करने पर भारत सरकार ने कड़ा जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजीव के चंदर ने जैद राद अल हुसैन के बयान से असहमति जताई। राजीव ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त की ओर से इस तरह की टिप्पणियों से हम आहत हैं। उनका बयान भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आजादी और हकों को गलत तरीके से बढ़ावा देने वाला है। गलत और चुनिंदा रिपोर्टों के आधार पर कोई जजमेंट देना गलत है।

बता दें, सोमवार को रोहिंग्या शरणार्थियों को बाहर भेजने की भारत सरकार की कोशिशों पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रमुख जैद राद अल हुसैन ने कहा था कि यह गलत है। हुसैन ने कहा था, 'ऐसे वक्त में जब रोहिंग्या अपने देश में हिंसा का शिकार हो रहे हैं, तब भारत की ओर से उन्हें वापस भेजने की कोशिशों की मैं निंदा करता हूं।' अल हुसैन ने कहा था कि भारत में फिलहाल 40 हजार के करीब रोहिंग्या शरणार्थी हैं, जिनमें से 16 हजार लोगों के पास रिफ्यूजी डॉक्युमेंट्स हैं।

राजीव चंदर ने कहा कि अन्य देशों की तरह ही भारत में अवैध प्रवासियों को लेकर चिंतित है। इनकी संख्या बढ़ने से देश के लिए सुरक्षा चुनौतियां बढ़ सकती हैं। देश में कानून को लागू करवाने का अर्थ किसी वंचित समाज के प्रति दया भाव में कमी आना नहीं है।

कश्मीर मुद्दे के बारे में बात करते हुए चंदर ने कहा, 'हम देख रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार के मुद्दे बढ़ रहे हैं। यह दुख की बात है कि इस सबमें वहां फैले आतंकवाद की अनदेखी की जा रही है। मानवाधिकार की बात सिर्फ राजनीतिक सुविधा के अनुसार नहीं की जा सकती।'

भारतीय राजदूत ने कहा, 'भारत मानवाधिकार के लक्ष्यों को संतुलित फैसलों और तथ्यों की पड़ताल के साथ हासिल करना चाहता है। हमारी सरकार का नारा 'सबका साथ, सबका विकास' है, जो समग्र विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

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