जाधव के नए वीडियो पर भारत की पाक को फटकार, कहा- सच नहीं बदल सकता

Friday, Jun 23, 2017 - 08:15 AM (IST)

इस्लामाबाद: 46 वर्षीय पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव ने पाकिस्तान में अपनी फांसी की सजा के खिलाफ दया याचिका दायर की है। पाकिस्तान सेना ने यह दावा करते हुए कहा कि भारतीय नौसेना के पूर्व अफसर जाधव ने पाकिस्तान सेना प्रमुख को दया याचिका भेजी है। पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में दावा किया गया है कि जाधव ने जासूसी की बात मानी है और अपने कामों के लिए माफी मांगी है। सेना की ओर से यह भी बताया गया है कि जाधव के बयानों का एक और वीडियो भी जारी किया गया है। इसमें कथित तौर पर उनके आतंकी और जासूसी गतिविधियों में शामिल रहने की बात मानने का दावा भी किया गया है।

भारत की पाकिस्तान को फटकार
भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दया याचिका को संदिग्ध बताया। बयान में कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई में पारदॢशता नहीं है। जाधव को राजनयिक मदद नहीं मिल रही है। भारत सरकार ने एक बार फिर पाकिस्तान द्वारा जाधव पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया। विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दया याचिक को संदिग्ध बताया। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई में पारदर्शिता नहीं है। जाधव को राजनयिक मदद नहीं मिल रही है। भारत ने कहा कि जाधव द्वारा कथित दया याचिका का विवरण और परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हैं और यहां तक कि इसके अस्तित्व का तथ्य संदिग्ध है। भारत ने इस हफ्ते की शुरुआत में फिर से जाधव को कॉन्सलर एक्सेस की मांग की थी और उनके परिवार को वीजा का अनुरोध किया था। भारत सरकार ने कहा कि गढ़े तथ्यों से वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है, और इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि पाकिस्तान भारत और जाधव के लिए अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्व का उल्लंघन करता है। भारत आईसीजे में मामले को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प है, और विश्वास है कि पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे इन अनुचित कदमों से प्रभावित किए बिना न्याय किया जाएगा।

पाक अदालत ने सुनाई थी फांसी
जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी। भारत की अपील पर अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी। जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा सुनाए जाने के खिलाफ याचिका पर भारत को गत मई माह में अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में बड़ी जीत मिली थी। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने अंतिम फैसला सुनाए जाने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाए रखने का आदेश दिया है।

ICJ ने अगस्त तक लगाई फांसी पर रोक
ICJ के जस्टिस रॉनी अब्राहम ने कहा था कि जाधव को जासूस बताने वाला पाकिस्तान का दावा नहीं माना जा सकता। पाकिस्तान ने अदालत में जो भी दलीलें दीं, वे भारत के तर्क के आगे कहीं नहीं ठहरतीं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वियना संधि के तहत भारत को कुलभूषण जाधव तक कॉन्सुलर एक्सेस मिलना चाहिए। अब्राहम ने कहा कि जाधव की गिरफ्तारी विवादित मुद्दा है। अगस्त 2017 में अंतिम फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगाई गई है।

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