रूस के साथ पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान परियोजना पर पुनर्विचार कर रहा भारत

Sunday, Jul 08, 2018 - 03:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत ने परियोजना की उच्च लागत के कारण पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (एफजीएफए) के संयुक्त विकास के साथ आगे बढऩे के लिए रूस के समक्ष अपनी अनिच्छा व्यक्त की है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के बीच इस बहुत ही महत्वाकांक्षी परियोजना पर बातचीत अभी तक स्थगित नहीं हुई है क्योंकि भारत दोनों देशों के बीच उचित लागत को साझा करने का कोई फॉर्मूला निकालने पर लड़ाकू विमान के सह-विकास पर फिर से विचार करने के लिए तैयार है। 

11 वर्षों से अटकी है यह परियोजना 
भारत और रूस ने दो रणनीतिक साझेदारों के बीच सैन्य संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने के वादे के साथ 2007 में इस मेगा परियोजना के लिए अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। हालांकि पिछले 11 वर्षों से यह परियोजना अटकी हुई है क्योंकि लड़ाकू विमान के विकास की लागत को साझा करने पर दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेद हैं। सूत्रों ने बताया कि परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 30 अरब अमेरिकी डॉलर या दो लाख करोड़ रुपये हैं।  

दोनों देशों के बीच जल्द हो सकती है बातचीत
इस परियोजना को लेकर रूस के साथ बातचीत में शामिल एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि लागत समेत परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर हमारी स्थिति रूसी पक्ष को बता दी गई है और अभी तक मुद्दों का कोई समाधान नहीं निकला है। पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर से मंजूरी मिलने के बाद परियोजना पर दोनों देशों के बीच फरवरी, 2016 में बातचीत को फिर से शुरू किया गया था। भारतीय वायुसेना से इस बात के संकेत हैं कि उच्च लागत के मद्देनजर वह परियोजना को आगे बढ़ाने की इच्छुक नहीं है।

vasudha

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