भारत ने उठाया चीन से व्यापार असंतुलन का मुद्दा, जताई चिंता

Tuesday, Oct 11, 2016 - 07:59 PM (IST)

नई दिल्ली/बीजिंग: भारत ने चीन से बढ़ते व्यापार असंतुलन का समाधान करने को कहा है। साथ ही सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) विशेषकर आईटी, डिजिटल, मोबाइल उपकरण और वाहन कल-पुर्जे के क्षेत्र में चीनी निवेश बढ़ाने की पुरजोर वकालत की है। एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने सोमवार को गुआंगझाउ में कहा कि उच्च स्तर के नवप्रवर्तन एवं उच्च वृद्धि के साथ देश का एमएसएमई क्षेत्र लंबी छलांग लगाने को तैयार है।



डिजिटल विंग में भागीदारी पर भारत ने दिया जोर
उन्होंने चीनी उद्यमियों तथा निवेशकों से खासकर आईटी और डिजिटल, मोबाइल उपकरण तथा वाहनों के कल-पुर्जे जैसे क्षेत्रों में दीर्घकालीन भागीदारी के लिए जोर दिया। उन्होंने 13वें ‘चाइना इंटरनेशनल स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज फेयर’ (सीआईएसएमईएफ) में यह बात कही। भारत सीआईएसएमईएफ, 2016 की सह-मेजबानी कर रहा है। मेले में भारत से 124 लघु एवं मझोले उद्यम भाग ले रहे हैं।


दोनों देशों के लिए लाभकारी ‘मेक इन इंडिया’ 
मिश्र ने कहा कि भारत और चीन के लघु एवं मझोले उद्यमों के बीच सहयोग के लिए काफी संभावना है। यह सहयोग खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल ‘मेक इन इंडिया’ के तहत दोनों देशों के लिए लाभकारी है।   भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मिश्र के हवाले से जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार ने भारत में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि को गति देने के लिए कई पहल किए हैं जिसमें ‘मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया जैसे अभियान शामिल हैं।


भारत के साथ चीन के व्यपार आंकड़े असंतुलित
इन कदमों से दुनिया की आर्थिक शक्तियां भारत की आेर देखने लगी हैं। चीनी अधिकारियों के साथ बैठक में मिश्र ने व्यापार आंकड़े में असंतुलन को लेकर भारत की चिंता को उठाया और चीनी वार्ताकारों से भरोसेमंद द्विपक्षीय व्यापार के हित में इस घाटे को कम करने के लिए भारत के साथ काम करने को कहा। पिछले साल 70 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार में व्यापार असंतुलन बढ़कर 46 अरब डॉलर हो गया जो चीन के पक्ष में था।

Advertising