CAA के खिलाफ यूरोपीय संसद में प्रस्ताव पर भड़का भारत, कहा- हमारा आंतरिक मामला

Monday, Jan 27, 2020 - 11:46 AM (IST)

नेशनल डेस्कः नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर जहां देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है वहीं दुनिया के भी कई हिस्सों में इसको लेकर बहस छिड़ गई है। यूरोपियन यूनियन (EU) में इस कानून पर चर्चा के लिए प्रस्ताव आया, जिसपर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। भारत की तरफ से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि यह हमारा आंतरिक मामला है। भारत ने उम्मीद जताई है कि यूरोपीय यूनियन में इस प्रस्ताव को लाने वाले और इसका समर्थन करने वाले लोग सभी तथ्यों को समझने के लिए पहले हमसे संपर्क करेंगे।

भारत ने कड़े शब्दों में कहा कि EU संसद को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे लोकतांत्रिक तरीके से चुनी विधायिका के अधिकारों पर सवाल खड़े हों। वहीं जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर भी दो टूक जवाब देते हुए भारत ने कहा कि यह हमारा आतंरिक मामला है और इसमें किसी अन्य को दखल नहीं देनी चाहिए। बता दें कि इस प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र, मानव अधिकार की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) के अनुच्छेद 15 का जिक्र किया गया है। बता दें कि इस वैश्विक संगठन के अलावा भी मलेशिया, तुर्की समेत कई ऐसे देश हैं जिन्होंने CAA का विरोध किया है, वहीं अमेरिका, फ्रांस जैसे बड़े देशों ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया है।

यूरोपीय संघ के 150 से ज्यादा सांसदों ने तैयार किया प्रस्ताव
यूरोपीय संघ के 150 से ज्यादा सांसदों ने CAA के खिलाफ तैयार प्रस्ताव किया है। इसमें कहा गया कि इससे भारत में नागरिकता तय करने के तरीके में खतरनाक बदलाव हो सकता है। इससे बहुत बड़ी संख्या में लोग बिना नागरिकता के हो जाएंगे। उनका कोई देश नहीं रह जाएगा। यूरोपीय संघ के सांसदों के छह समूह जिन्होंने प्रस्तावों को स्थानांतरित किया, वे 154 सदस्यों के साथ समाजवादियों और डेमोक्रेट के प्रगतिशील गठबंधन हैं। 182 सदस्यों के साथ यूरोपीय पीपुल्स पार्टी (क्रिश्चियन डेमोक्रेट); 41 सदस्यों के साथ यूरोपीय यूनाइटेड लेफ्ट और नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट, 75 सदस्यों के साथ ग्रीन्स / यूरोपीय फ्री एलायंस, 66 सदस्यों के साथ संरक्षक और सुधारवादी और 108 सदस्यों के साथ यूरोप यूरोप समूह शामिल हैं।

Seema Sharma

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