ईरान से तेल आयात के मामले में भारत ने रखा अपना स्टैंड, मिल सकती है राहत

Thursday, Sep 06, 2018 - 11:05 AM (IST)

इंटरनैशनल डेस्कः अमरीका चैंबर ऑफ कॉमर्स ने बुधवार को कहा कि भारत और अमरीका के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक (2+2 संवाद) दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत करेगी। ईरान से कच्चे तेल के आयात पर रोक के मामले  को लेकर सोमवार को यूएस के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल और विदेश सचिव विजय गोखले के बीच बातचीत हुई। बता दें कि अमेरिका ने कुछ देशों को इस प्रतिबंध से अलग करने के संकेत दिए हैं।

भारत को भी मिल सकती है राहत 
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ईरान से तेल की खरीद के बारे में बातचीत हुई जिसमें गोखले ने भारत का स्टैंड रखा। अमरीका के प्रतिबंधों पर सरकार का रुख देश हित की ओर है हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि भारत को इस प्रतिबंध से छूट देने के लिए गोखले ने क्या कहा। इस वार्ता से पहले अमरीरिका प्रशासन द्वारा कहा गया था कि कुछ देशों पर से इस प्रतिबंध को हटाने पर विचार किया जा रहा है। भारत को भी उम्मीद है कि इस प्रतिबंध से कुछ राहत मिलेगी।

अमरीकी प्रतिबंधों से निपटने पर भी हुई चर्चा
रविवार को भारत और ईरान ने अमरीकी प्रतिबंधों से निपटने के लिए चर्चा की और एक दूसरे के साथ अच्छे व्यापारिक संबंध बनाए रखने पर विचार किया। मई में ट्रंप प्रशासन ने ईरान से न्यूक्लियर डील तोड़कर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। अमरीका ने भारत समेत अन्य देशों से नवंबर तक आयात खत्म करने के लिए कहा है। भारत अब भी इस प्रतिबंध को हटाने के लिए प्रयासरत है। अमरीकी प्रतिबंध का पहला चरण 6 अगस्त से शुरू होगा। वर्तमान में भारत में ईराक और सऊदी अरब के बाद सबसे ज्यादा कच्चा तेल ईरान से आयात होता है। 

दोनों देशो के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री होंगे शामिल
भारत और अमरीका के बीच यह पहली ऐसी वार्ता होगी जिसमें भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, अमरीका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और रक्षा मंत्री जिम मैटिस के साथ बैठक करेंगी। अमरीका चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी थॉमस जे. डोनोह्यू ने कहा कि आप आर्थिक शक्ति के बिना रक्षा क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। विदेश व रक्षा मंत्रियों की संयुक्त बैठक में कुछ ऐसी जमीन तैयार की जाएगी जिससे न केवल हमारे रक्षा संबंधों को मजबूती मिलेगी बल्कि जो हमें 500 अरब डॉलर के (द्विपक्षीय व्यापार के) लक्ष्य की ओर भी ले जाएगी।’’ 

Isha

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