मालदीव को लेकर दुविधा में भारत

Saturday, Dec 16, 2017 - 07:24 PM (IST)

नई दिल्ली (रंजीत कुमार): भारत के समुद्री पड़ोसी मालदीव द्वारा भारत को नीचा दिखाने की दो वारदातों के बीच भारतीय थलसेना ने मालदीव की सेना के साथ दो सप्ताह तक चलने वाला एक सांझा थलसैनिक अभ्यास कर्नाटक के बेलागावी में शुक्रवार से शुरू किया। यह अभ्यास शहरी माहौल में प्रतिविद्रोही और प्रतिआतंकवादी कार्रवाई में दोनों सेनाओं को एक दूसरे की प्रक्रियाओं से अवगत कराने के इरादे से हो रहा है। 

मालदीव सेना के साथ साझा सैन्य अभ्यास 
एक्र्ससाइज एकुवेरिन नाम का यह साझा अभ्यास हर साल होता है और इस कड़ी में आठवां है लेकिन इस साल का यह अभ्यास दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों के प्रतिकूल माहौल में हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय विदेश मंत्रालय दुविधा में है कि मालदीव की सरकार के साथ किस तरह पेश आया जाए। यदि मालदीव के खिलाफ भारत कोई बड़़ा कदम उठाता है तो मालदीव को उसकी कोई परवाह नहीं होगी क्योंकि चीन उसे हर तरह की मदद देने को हमेशा तैयार बैठा है। 

मालदीव कर चुका है भारत को नजरअंदाज
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही मालदीव ने चीन के साथ मुक्त व्यापार संधि(एफटीए) सम्पन्न कर भारत को नजरअंदाज किया है और इसके साथ ही राजधानी माले के एक स्थानीय निकाय के तीन अधिकारियों को इसलिये मुअत्तल किया है कि उन लोगों ने माले में भारतीय राजदूत से मालदीव सरकार की अनुमति लिये बिना मुलाकात की। इन दोनों मसलों पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रया नहीं जाहिर की है लेकिन सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय के अधिकारी मालदीव की सरकार से सम्पर्क में हैं और उनसे जानने को कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय राजदूत से अपने अधिकारियों को मिलने पर एतराज क्यों किया।

चीन कर रहा मदद 
राजनयिक सूत्रों का कहना है कि मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अपनी सत्ता बनाए रखने के लिये अपने विपक्षी दलों पर शिकंजा कसते जा रहे हैं और इसमें उन्हें चीन की भरपूर मदद मिल रही है। मालदीव के राष्ट्रपति यामीन ने पिछले सप्ताह ही चीन की राजधानी पेइचिंग का दौरा किया है और चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की है। राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने अपने देश में जनतांत्रिक प्रक्रियाओं को ताक पर रख कर पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद नशीद को देश छोड़ कर बाहर जाने को मजबूर किया है और सभी विपक्षी गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया है। मालदीव की सरकार की इन हरकतों की अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भारी निंदा की है लेकिन मालदीव की सरकार को इससे बचाने के लिये चीन ने पौने चार लाख आबादी वाले मालदीव को गोद लेने से जैसा कदम उठाते हुए उसे हर तरह की नैतिक और वित्तीय मदद दे रहा है।

कर्नाटक के बेलागावी में दोनों देशों के बीच दो सप्ताह तक चलने वाले सांझा अभ्यास में भारतीय सैनिक मालदीव के सैनिकों को आतंकवादियों से लडऩे के गुर सिखाएंगे लेकिन यहां राजनयिक सूत्रों का कहना है कि मालदीव के सैनिक इस गुर का इस्तेमाल राष्ट्रपति यामीन के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ ही कर रहे हैं। एकुवेरिन साझ्ंाा अभ्यास की पिछला संस्करण दिसम्बर, 2016 में मालदीव के कड्ढु में हुआ था।

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