अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी में सुपर पॉवर बनेगा भारत, आईआईटी और इसरो ने मिलाया हाथ

Friday, Nov 01, 2019 - 07:38 PM (IST)

नई दिल्लीः इसरो का मिशन चंद्रयान-2 अपेक्षा के अनुरूप भले ही सफल न हो पाया हो, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने देश को अंतरिक्ष टेक्नॉलॉजी में अजेय बनाने की ठान ली है। इसके लिए देश के दो बड़े संगठनों ISRO और IIT Delhi ने साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। योजना के मुताबिक आईआईटी के छात्र और वैज्ञानिक अंतरिक्ष में भारत की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए रिसर्च कार्य को अंजाम देंगे।

राव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘आईआईटी दिल्ली अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुसंधान में योगदान देने के लिए इसरो के सहयोग से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करने जा रहा है।'' इस पहल के साथ आईआईटी दिल्ली भी आईआईएससी बेंगलुरु, आईआईटी बंबई, आईआईटी कानपुर, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी मद्रास, आईआईटी गुवाहाटी और आईआईटी रूड़की की जमात में शामिल हो जाएगा, जहां अंतरिक्ष विज्ञान में शोध करने और इसके उपयोग को नयी ऊंचाई पर ले जाने के लिए अतंरिक्ष प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ स्थापित किए गए हैं।

एम्स के साथ भी कर रहा है काम
दरअसल, आईआईटी तकनीकी ज्ञान को जमीनी जरूरतों के हिसाब से ढालने के मिशन पर काम कर रहा है। यही कारण है कि वह विभिन्न शीर्ष संगठनों से मिलकर उनके क्षेत्र में आने वाली तकनीकी कठिनाइयों को समझकर उसका निदान पाने की कोशिशों में लगा है। आईआईटी इसके पहले भी ऑल इंडिया आयुर्विज्ञान संस्थान, आईसीएआर, एनआईआईटी और क्लेम्सन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कई अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम कर रहा है।

 

Yaspal

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