यूक्रेन संकट पर UNSC की मीटिंग में भारत ने दिया शांति का संदेश

Friday, Feb 18, 2022 - 07:19 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः रूस-यूक्रेन तनाव के बीच, भारत ने गुरुवार को कहा कि "शांत और रचनात्मक कूटनीति" समय की जरूरत है। नई दिल्ली ने रेखांकित किया कि यूक्रेन में 20,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की भलाई इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग बुलाई गई थी। 15 देशों की परिषद की मीटिंग की अध्यक्षता रूस ने की। यह मीटिंग यूक्रेन की मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी। 

शांति और रचात्मक कूटनीति समय की मांग
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि नई दिल्ली की रुचि एक समाधान खोजने में है जो तनाव के तत्काल डी-एस्केलेशन" प्रदान करता है। उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा हासिल करने के व्यापक हित में सभी पक्षों द्वारा तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बचा जा सकता है। शांति और रचनात्मक कूटनीति समय की जरूरत है।"

श्री तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है। यह हमारा सुविचारित विचार है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। भारत का हित एक ऐसा समाधान खोजने में है जो सभी देशों के वैध सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को तत्काल कम कर सके और इसका उद्देश्य क्षेत्र और उसके बाहर दीर्घकालिक शांति और स्थिरता हासिल करना है। 

रूस ने कहा कि पश्चिम युद्ध करवाना चाहता
सुरक्षा परिषद में रूस ने कहा कि कल यूक्रेन के उपराष्ट्रपति ने कहा कि डोनबास की विशेष स्थिति पर कोई नया कानून नहीं होगा, इसलिए कोई प्रत्यक्ष समझौता नहीं होगा। उसने यह भी स्वीकार किया कि मिन्स्क समझौते को लागू करने के लिए पश्चिम द्वारा उन पर कोई दबाव नहीं डाला गया है।

रूस ने कहा कि पश्चिम का एकमात्र लक्ष्य युद्ध आयोजित करना है। यदि ऐसा नहीं होता, तो यूक्रेन की कठपुतली सरकार बहुत पहले ही मिन्स्क समझौते को लागू करने के लिए मजबूर हो जाती। चूंकि ऐसा नहीं हो रहा है, हम कह सकते हैं कि पश्चिम रूस के साथ युद्ध चाहता है।

Pardeep

Advertising