भारत ने मालदीव की राजनीतिक स्थिति पर जताई चिंता

Thursday, Jun 14, 2018 - 05:32 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मैमून अब्दुल गयूम तथा सुप्रीम कोर्ट के मुय न्यायाधीश अब्दुला सईद को बगैर निष्पक्ष सुनवाई के जेल की सजा सुनाए जाने पर निराशा जताते हुए कहा कि इससे ‘कानून के शासन’ को लेकर मालदीव की प्रतिबद्धता पर संदेह पैदा होता है। मालदीव की एक अदालत ने गयूम और न्यायमूर्ति सईद को न्याय में बाधा पहुंचाने का दोषी करार देते हुए 19 माह की जेल की सजा सुनाई है।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमें यह पता चला है कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति एवं सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निष्पक्ष सुनवाई के बगैर ही लंबी अवधि के लिए जेल की सजा दी जा रही है। यह बहुत ही दुखद है। इससे कानून के शासन के प्रति मालदीव सरकार की प्रतिबद्धता पर संदेह होता है। इससे इस वर्ष सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि मालदीव में राजनीतिक संकट की शुरुआत से ही भारत ने वहां की सरकार से बार-बार आग्रह किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट एवं पार्लियामेंट जैसे सभी संस्थानों को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से काम करने दे। बयान में कहा गया है कि यह लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भी मांग रही है। भारत का मानना है कि लोकतांत्रिक, स्थिर और समृद्ध मालदीव सभी पड़ोसियों और हिन्द महासागर क्षेत्र के देशों के हित में है।

बयान के अनुसार, भारत सरकार गयूम और न्यायमूर्ति सईद सहित सभी राजनीतिक बंदियों को तत्काल रिहा करके चुनावी एवं राजनीतिक प्रक्रिया को लेकर विश्वास बहाल करने की मालदीव सरकार को सलाह देती है। मालदीव सरकार को ऐसा माहौल तैयार करना चाहिए, जिसमें वहां के राष्ट्रपति चुनाव में सभी राजनीतिक ताकतें हिस्सा ले सकें। 

Punjab Kesari

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