भारत ने 4 सालों में चीन से खिलौनों के आयात में 80% की कटौती, निर्यात 15 करोड़ डॉलर को पार
punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2024 - 09:26 AM (IST)
नेशनल डेस्क। केवल चार वर्षों में ही भारत ने चीन से खिलौनों के आयात में 80% की कटौती कर ली है जो एक ऐसा देश है जो लंबे समय से वैश्विक बाजार पर हावी रहा है। हाई टैरिफ और सख्त गुणवत्ता जांच के मिश्रण ने इसमें मदद की। केंद्र सरकार के 'वोकल फॉर लोकल' कैंपेन का असर भारतीय खिलौना बाजार पर साफ दिखने लगा है। इस अभियान के चलते भारत की खिलौने के आयात में चीन पर निर्भरता में भारी कमी आई है।
आयात में भारी कमी
वित्त वर्ष 2020 में भारत ने 23.5 करोड़ डॉलर के चीनी खिलौने आयात किए थे जो अब घटकर वित्त वर्ष 2024 में 4.1 करोड़ डॉलर तक रह गए हैं। यह दिखाता है कि भारत अब खिलौनों के आयातक देश से निर्यातक देश बन चुका है।
आंकड़ों के मुताबिक
: 2014-15 के मुकाबले 2023-24 में भारत का खिलौने का आयात 52% घट गया है जबकि निर्यात में 239% की वृद्धि हुई है।
: 2024-25 के सितंबर तक भारत ने 9.66 करोड़ डॉलर के खिलौने निर्यात किए जबकि आयात केवल 3.73 करोड़ डॉलर का रहा।
भारत के खिलौने अब ग्लोबल ब्रांड्स की पसंद
भारत में बने खिलौनों की मांग दुनियाभर में बढ़ रही है। चीन-प्लस-वन पॉलिसी (China Plus One Policy) के तहत बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अब भारत से खिलौने खरीद रही हैं। कंपनियों जैसे हैसम्रो, मैटल, स्पिन मास्टर, और अलर्जी लर्निंग सेंटर जैसे ग्लोबल ब्रांड्स ने भारत से खिलौने खरीदने की शुरुआत की है। साथ ही कंपनियां जैसे ड्रीम प्लास्ट, माइक्रोप्लास्ट और इंकास ने भी चीन से अपना फोकस भारत की ओर शिफ्ट कर लिया है।
निर्यात में बढ़ोतरी के कारण
भारत में अब खिलौनों के लिए कच्चे माल का आयात 33% से घटकर केवल 12% रह गया है। पिछले 5-7 सालों से भारत का खिलौना निर्यात चीन से भी ज्यादा तेजी से बढ़ा है। इसकी वजह हैं:
: भारत सरकार द्वारा चीन से आयातित खिलौनों पर उच्च टैरिफ और सख्त गुणवत्ता जांच।
: सीमा शुल्क में वृद्धि: वित्त वर्ष 2020 से 2024 के बीच भारत ने सीमा शुल्क में भारी वृद्धि की जो 20% से बढ़कर 70% तक पहुंच गया। इसने भारतीय खिलौना उद्योग को मजबूत किया।
: क्यूसीओ (गुणवत्ता नियंत्रण आदेश): भारत सरकार ने खिलौनों के लिए कड़े सुरक्षा मानक अनिवार्य किए हैं। बीआइएस (BIS) अनुमोदन को भी अनिवार्य किया गया है, जिससे भारत से निर्यात को और बढ़ावा मिला है।
निर्यात को बढ़ावा देने में मददगार कदम
भारत सरकार की यह पहल घरेलू उद्योग को उत्साह और बढ़ावा देने में मददगार साबित हुई है। अब भारतीय खिलौने न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बना रहे हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार के 'वोकल फॉर लोकल' कैंपेन से भारत की खिलौना उद्योग को नई ताकत मिली है। चीन पर निर्भरता घटने और निर्यात बढ़ने के कारण भारत अब खिलौनों के उत्पादन और निर्यात में एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुका है।