1962 भारत-चीन युद्धः 56 साल बाद अरूणाचल प्रदेश के लोगों को मिला जमीन का मुआवजा
Sunday, Oct 21, 2018 - 04:09 PM (IST)
बोमडीला (अरूणाचल प्रदेश): भारत-चीन युद्ध के 56 साल बाद अरूणाचल प्रदेश के ग्रामीणों को उनकी जमीन के मुआवजे के तौर पर करीब 38 करोड़ रुपए मिले हैं। दरअसल, सेना ने अपने बंकर और बैरक आदि बनाने के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण किया था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू और अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने शुक्रवार को पश्चिमी खेमांग जिले में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में ग्रामीणों को मुआवजे की राशि के चैक सौंपे।
Lands acquired by the Army were done in national interest but no govt bothered to pay the land compensation to the villagers of Arunachal since 1960s. Thanks to @narendramodi ji & @nsitharaman ji for clearing it finally. Total cheques of Rs 37.73 Cr were handed over. pic.twitter.com/9QzIZffOu8
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 19, 2018
रिजिजू ने बताया, ’ग्रामीणों को कुल 37.73 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह सामुदायिक भूमि थी, इसलिए उन्हें जो रकम मिली है उसे ग्रामीणों के बीच बांटा जाएगा। गौरतलब है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद सेना ने अपना बेस, बंकर, बैरक बनाने और सड़क, पुल तथा अन्य निर्माण कार्यों के लिए काफी मात्रा में जमीन का अधिग्रहण किया था। पश्चिमी खेमांग जिले में अप्रैल 2017 में तीन गांवों के 152 परिवारों को 54 करोड़ रुपए बांटे गए थे।
गत वर्ष सितम्बर में ग्रामीणों को 158 करोड़ रुपए की एक अन्य किश्त दी गई। यह राशि उनकी निजी जमीन के एवज में दी गई थी। उनकी जमीन का अधिग्रहण सेना ने किया था। फरवरी 2018 में त्वांग जिले में 31 परिवारों को 40.80 करोड़ रूपये दिये गए। अरूणाचल प्रदेश में भूमि अधिग्रहण के लंबित मामले तवांग, पश्चिमी खेमांग, ऊपरी सुबनसिरी, दिबांग घाटी और पश्चिमी सियांग जिलों के थे।