चीन ने सिक्किम-लद्दाख में दिखाई हेकड़ी, भारत ने संवेदनशील इलाकों में बढ़ाई सेना

Wednesday, May 20, 2020 - 10:13 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना महासंकट के बीच चीन अपनी घटिया हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।  गैर चिह्नित सीमा पर उत्तर सिक्किम और लद्दाख के पास कई इलाकों में भारत और चीन के बीच तनाव फिर बढ़ने लगा है । 'चीन के लद्दाख और सिक्किम में अपनाए आक्रामक रुख के भारत ने भी संवेदनशील इलाकों में सैनिकों की तैनाती बढञा दी है। और दोनों देश वहां अतिरिक्त बलों की तैनाती कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच इन इलाकों में कुछ दिनों पहले 2 बार हिंसक झड़पें हो चुकी हैं।

 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत और चीन दोनों ने डेमचक, दौलत बेग ओल्डी, गलवान नदी तथा लद्दाख में पैंगोंग सो झील के पास संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है। गलवान के आसपास के इलाके दोनों पक्षों के बीच छह दशक से अधिक समय से संघर्ष का कारण बने हुए हैं। 1962 में भी इस इलाके को लेकर टकराव हुआ था। सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों ने गलवान नदी और पैगोंग सो झील के आसपास अपने सैनिकों की तैनाती की है। इन इलाकों में दोनों पक्षों की ओर से सीमा गश्ती होती है। पता चला है कि चीन ने गलवान घाटी इलाके में काफी संख्या में तंबू गाड़े हैं जिसके बाद भारत वहां कड़ी नजर बनाए हुए है। चीन के सरकारी मीडिया ने सोमवार को खबर दी थी कि अक्साई चिन क्षेत्र की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों ने सीमा नियंत्रण उपाय मजबूत किए हैं।

 

सरकारी 'ग्लोबल टाइम्स' ने सेना के अज्ञात सूत्रों के हवाले से खबर दी, ''गलवान घाटी क्षेत्र में चीनी क्षेत्र में हाल में भारत द्वारा अवैध रक्षा निर्माण के बाद चीन ने यह कदम उठाया है।" पैंगोंग सो लेक इलाके में पांच मई को भारत और चीन के करीब 250 सैनिकों के बीच लोहे की छड़ों, डंडों से लड़ाई हुई और पथराव भी हुआ जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक जख्मी हुए थे। एक अन्य घटना में सिक्किम के नाकू ला दर्रा क्षेत्र में नौ मई को भारत और चीन के करीब 150 सैनिक आमने-सामने हो गए।

 

सूत्रों के मुताबिक घटना में दोनों पक्ष के करीब दस सैनिक जख्मी हुए थे। दोनों सेनाओं के बीच तनाव पर न तो सेना, न ही विदेश मंत्रालय ने कोई टिप्पणी की है। विदेश मंत्रालय ने तनातनी पर पिछले हफ्ते कहा था कि चीन के साथ सीमा पर वह शांति और धैर्य बनाए रखने का पक्षधर है और कहा कि सीमा के बारे में अगर साझा विचार होता तो इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता था। यह पता चला है कि उत्तर सिक्किम के कई इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों को भेजा गया है।

Tanuja

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