गलवान जैसी झड़प दोबारा न हो भारत-चीन के बीच सहमति, 72 घंटे एक-दूसरे पर रखेंगे नजर

Thursday, Jul 02, 2020 - 08:38 AM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत-चीन की सेनाओं ने 30 जून से लेकर 1 जुलाई तक करीब 12 घंटे की कमांडर स्तरीय वार्ता की। चीन के कोर कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन ने भारत के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंदर सिंह के बीच वार्ता हुई और यह सहमति बनी कि 72 घंटों तक दोनों पक्ष एक दूसरे पर निगरानी रखेंगे कि जिन बातों पर एक राय बन गई उसे जमीन पर उतारा जा रहा या नहीं यानि कि गलवान जैसी घटना दोबारा न हो इस पर कड़ी नजर रखी जाएगी। भारत और चीन के बीच सैन्य वार्ताओं के बावजूद लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव जस का तस बना हुआ है।

सूत्रों को मुताबिक अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत-चीन तनाव के ग्राउंड जीरो तक जाएंगे। राजनाथ सिंह शुक्रवार को लेह पहुंचेंगे और पूर्वी लद्दाख में चीन से बने तनाव की स्थिति पर सुरक्षा हालातों की समीक्षा करेंगे। रक्षा मंत्री लद्दाख में तैनात जवानों से भी मिलेंगे और गलवान के वीरों से मिलने लेह के अस्पताल जाएंगे। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में सात हफ्तों से दोनों सेनाओं के बीच बढ़े तनाव को खत्म करने के मकसद से कमांडर स्तरीय वार्ता हुई है। सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच 17 जून को बनी सहमति के आधार पर यह फैसला हुआ है।

बातचीत में जिम्मेदार तरीके से समग्र हालात से निपटने पर सहमति बनी थी। सूत्रों ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल है और इस संदर्भ में कयास आधारित, बिना प्रमाण वाली रिपोर्ट से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक में हुई चर्चा से व्यक्त होता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव घटाने के लिए दोनों पक्ष प्रतिबद्ध हैं। ‘आपसी सहमति योग्य समाधान’ पर पहुंचने के लिए सैन्य, कूटनीतिक स्तर पर और बैठकें होने की संभावना है।

Seema Sharma

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