आर्मी डे: भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ थे करियप्पा, नेहरू भी डरते थे इनसे

Monday, Jan 15, 2018 - 03:21 PM (IST)

नई दिल्लीः हर साल 15 जनवरी को भारत सेना दिवस मनाती है। भारतीय सेना इस दिन परेड के जरिए पूरी दुनिया को अपनी ताकत दिखाती है। आज ही के दिन 1949 में भारतीय सेना पूरी तरह ब्रिटिश सेना से आजाद हो गई थी और फील्ड मार्शल के.एम.करिअप्पा आजाद भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे। इसी दिन कोडंडेरा मडप्पा करियप्पा ने अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर (कमांडर इन चीफ, भारत) जनरल रॉय बुचर सेभारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण किया था। साल 1949 में भारतीय थल सेना में करीब 2 लाख सैनिक थे, जबकि आज वो संख्या 13 लाख से भी ज्यादा है। आज भारतीय सेना अपना 70वां सेना दिवस मना रही है।

करियप्पा के बारे में खास बातें
-28 फरवरी 1899 को कर्नाटक के पूर्ववर्ती कूर्ग में जन्मे करियप्पा ने 1947 में हुए भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना का नेतृत्व किया था।

-करियप्पा की प्रारम्भिक शिक्षा माडिकेरी के सेंट्रल हाई स्कूल में हुई। गणित, चित्रकला उनके फेवरेट सब्जेक्ट थे।

-करियप्पा को भारत सरकार ने वर्ष 1986 में ‘फील्ड मार्शल’ का पद प्रदान किया।

-करियप्पा के बेटे एयर मार्शल के. सी. करियप्पा ने अपनी किताब में जिक्र किया है कि जवाहर लाल नेहरू को इस बात का भय था कि मेरे पिता उनका तख्तापलट कर सकते हैं इसलिए नेहरू ने 1953 में उन्हें ऑस्ट्रेलिया का हाई कमिश्नर बना के भेज दिया।



सेना दिवस पर परेड
-सेना दिवस पर परेड होती है जिसके तहत बीएलटी टी-72, टी-90 टैंक, ब्रह्मोज मिसाइल, कैरियर मोटार्र ट्रैक्ड वैहिकिल, 155 एमएम सोलटम गन, सेना विमानन दल का उन्नत प्रकाश हेलिकॉप्टर इत्यादि का प्रदर्शन किया जाता है।

-सेना दिवस समारोह की शुरुआत नई दिल्ली के इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति में भारत के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करके होती है।
-सैनिक  इस परेड और में अपने जौहर और कार्यक्षेत्र की शक्तियों का प्रदर्शन करते हैं।

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