ढाका में बोले मोदी- भारत-बांग्लादेश स्थिरता, प्रेम और शांति के चाहवान

Sunday, Mar 28, 2021 - 10:45 AM (IST)

ढाकाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत और बांग्लादेश विश्व में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह ‘‘स्थिरता, प्रेम एवं शांति'' चाहते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसी देश अपने विकास से विश्व को प्रगति करते देखना चाहते हैं। मतुआ सम्प्रदाय के आध्यात्मिक गुरु हरिचंद ठाकुर की जन्मस्थली ओराकांडी के एक मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री ने इस समुदाय के लोगों से संवाद करने के दौरान यह कहा। उन्होंने कहा, ‘‘भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश अपने विकास से, अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं। दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम एवं शांति चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि वह कई वर्षों से ओराकांडी आने का इंतजार कर रहे थे।

 

मोदी ने कहा कि जब 2015 में वह बांग्लादेश आए थे, तब उन्होंने ओराकांडी जाने की अभिलाषा व्यक्त की थी। ओराकांडी हिन्दू मतुआ सम्प्रदाय का तीर्थ स्थल है और पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में इस सम्प्रदाय के लोग रहते हैं। मोदी ने कहा, ‘‘मैं आज वैसा ही महसूस कर रहा हूं, जो भारत में रहने वाले मतुआ संप्रदाय के मेरे हजारों-लाखों भाई-बहन ओराकांडी आकर महसूस करते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां कुछ लोगों से बात कर रहा था। वे कह रहे थे कि किसने सोचा था कि भारत के प्रधानमंत्री ओराकांडी आएंगे।'' प्रधानमंत्री ने बाद में ट्वीट किया कहा, ‘‘ओराकांडी ठाकुरबाड़ी की की मेरी यात्रा एक ऐसा अनुभ्व है जिसे मैं आजीवन याद रखूंगा। यह एक बहुत ही पवित्र स्थल है, जिसका मतुआ समुदाय से करीबी संबंध है।'' राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि प्रधानमंत्री का ओराकांडी मंदिर का दौरा और मतुआ समुदाय के लोगों से संवाद करने का राजनीतिक महत्व है।

 

उनका यह दौरा ऐसे समय हुआ है, जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के साथ इस अवसर पर बंगाल से भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर भी मौजूद थे। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मतुआ समुदाय के लोग हरिचंद ठाकुर की जयंती पर प्रति वर्ष बरूनी स्नान उत्सव मनाते हैं और भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसमें शामिल होने के लिए ओराकांडी आते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के नागरिकों के लिए इस तीर्थयात्रा को सुगम बनाने को लेकर भारत सरकार की ओर से प्रयास किए जाएंगे।'' उन्होंने कहा, ‘‘ ठाकुरनगर (पश्चिम बंगाल) में मतुआ संप्रदाय के गौरवशाली इतिहास को प्रतिबिंबित करते हुए भव्य आयोजनों और विभिन्न कार्यों के लिए भी हम संकल्पबद्ध हैं।''  

 

Tanuja

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