UN में भारत ने ड्रोन आतंकी हमलों को बताया नया खतरा, झूठ फैलाने के लिए पाक को लताड़ा

Tuesday, Jun 29, 2021 - 03:15 PM (IST)

संयुक्त राष्ट्र: संयक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने जम्मू हवाई अड्डे पर विस्फोटकों से भरे दो ड्रोनों के भारतीय वायुसेना (IAF) स्टेशन में दुर्घटनाग्रस्त होने के 2 दिन बाद इसे सुराक्षा के लिए नया खतरा बताया  और पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। भारत ने  संयुक्त राष्ट्र  में आतंकवादी प्रोपेगेंडा और कट्टरपंथ के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की साथ ही आतंकवादी उद्देश्यों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल पर संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों का ध्यान आकर्षित किया और झूठी खबरें फैलाने के लिए पाकिस्तान को फटकारा ।

 

आतंकवाद रोधी एजेंसियों के प्रमुखों के संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय सम्मेलन में गृह मंत्रालय (एमएचए) के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वी.एस.के. कौमुदी ने कहा कि आतंकवादी समूहों द्वारा कम लागत वाला विकल्प होने और आसानी से उपलब्ध होने के कारण ड्रोन का इस्तेमाल खुफिया संग्रह, हथियार/विस्फोटक की डिलीवरी और लक्षित हमलों जैसे भयावह उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। यह दुनिया भर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरा और चुनौती बन गया है।' 

 

भारत ने दुनिया को आतंकवादी प्रेरणाओं खासकर धर्म एवं राजनीतिक विचारधारा के आधार पर आतंकवाद को वर्गीकृत करने की प्रवृत्ति के खिलाफ एकजुट रहने के लिए कहा। कौमुदी ने कहा, “यह निश्चित तौर पर हमें बांटेगा और आतंकवाद के खिलाफ हमारी जंग को कमजोर कर देगा।” उन्होंने इसके लिए बिना किसी बहाने एवं अपवाद के अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से सामूहिक कार्रवाई करने का आह्वान किया और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जो देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं उनका नाम उजागर किया जाए एवं उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए। भारत ने आतंकवाद रोधी एवं सुरक्षा संबंधी व्यापक ढांचा सामने रखने के अलावा साइबर क्षेत्र में कई उपाय किए हैं जो कट्टरता को रोकने एवं कट्टरता को समाप्त करने की रणनीतियों को शामिल करते हुए बनाए गए हैं। 

 

कौमुदी ने यह भी कहा कि वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीति (सीजीटीएस) की 7 वीं समीक्षा पूरी हो गई और संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों द्वारा पाकिस्तान के झूठे आख्यान को नकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान से अपने क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ प्रभावी, सत्यापन योग्य कार्रवाई करने को कहना  चाहिए। एमएचए के विशेष सचिव ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वैश्विक आतंकवादी समूहों के लिए आतंकवाद के प्रचार और साजिश को फैलाने के लिए संसाधन बन गए हैं, जिसका उद्देश्य  नफरत फैलाना है।

 

Tanuja

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