इस बार गणतंत्र दिवस की परेड से पाकिस्‍तान के दिल में छा सकता है खौफ

punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2020 - 07:32 PM (IST)

नेशनल डेस्कः हमारे देश में यूं तो गणतंत्र दिवस की परेड हर साल ही कुछ खास होती है। लेकिन इस बार की गणतंत्र दिवस की परेड न सिर्फ हमारे लिए बल्कि हमारे पड़ोसियों के लिए भी खास होने वाली है। भारत के पड़ोसी देशों विशेषकर पाकिस्तान के लिए इस बार की परेड दिल को दहलाने वाली हो सकती है। जिसके लिए पूरे प्रबंध किये गये हैं। इस बार बहुत कुछ ऐसा है जो इस परेड में पहली बार दिखाई देने वाला है। इस बार पाकिस्‍तान उन बहादुर कमांडो की उस टुकड़ी को देख सकेगा जिसने पाकिस्‍तान की सीमा में घुसकर आतंकी कैंपों को तबाह किया था। इसके अलावा दुश्‍मन का दिल दहला देने और अचूक निशाना लगाने वाली ऑटोमैटिक तोप भी पहली बार इस परेड की शोभा बढ़ाएगी। पहली बार सेना की पुरुषों की टुकड़ी की कमान एक महिला सैन्‍य अधिकारी के हाथों में होगी।  

 

 

27 मार्च 2019 दिन बुधवार को कुछ ऐसा हुआ था जिसकी सूचना पूरी दुनिया को पीएम नरेंद्र मोदी की जुबानी मिली थी। इस मिशन के तहत भारत ने पहली बार जमीन से अंतरिक्ष में अचूक निशाना लगाकर एक सेटेलाइट को नष्‍ट कर दिया था। यह उपलब्धि भारत के लिए बेहद खास थी। भारत ने पहली बार अपनी इस क्षमता का सफलतापूर्वक परिक्षण किया था। इस सेटेलाइट को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम आईलैंड लॉन्च कॉम्पलेक्स से किया गया था। इस अभूतपूर्व मिशन को जिस बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस इंटरसेप्टर ने अंजाम दिया था उसको राजपथ पर इस बार पहली बार देखा जा सकेगा। एक आम आदमी के लिए इस मिसाइल को देखना और इसकी उपलब्धि के बारे जानना अपने आप में काफी खास है। सारंग तोप को भी पहली बार गणतंत्र दिवस परेड का पहली बार हिस्‍सा बनाया गया है। इस तोप की सबसे बड़ी खासियत हर पांच सेकेंड में एक गोला दागना है। इसकी यही तेजी दुश्‍मन में खौफ पैदा कर सकती है। इस तोप को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर (ओएफसी) ने अपग्रेड कर इसकी मारक क्षमता को बढ़ाया है।

 

 

गौरतलब है कि सोवियत संघ से खरीदी गईं तोपों में पहले 139 एमएम कैलिबर की बैरल लगी थी, जिसकी मारक क्षमता कम थी। इसको अपग्रेड करने के लिए इसको 155 एमएम कैलिबर बैरल वाली गन में बदला गया है। आपको बता दें कि सारंग तोप का अपग्रेड वर्जन पूरी तरह से स्‍वदेशी तकनीक पर तैयार किया है। यह सेमी ऑटोमैटिक ब्रीच मैकेनिज्म से युक्त हैं।  राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायु सेना में शामिल कर लिया गया है। इसको भारत की जरूरत के हिसाब से तैयार किया गया है। राफेल के मिलने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। वहीं दुश्‍मनों के दिल में भी डर पैदा हो गया है। यह लड़ाकू विमान कई खूबियों वाले राडार वार्निग रिसीवर, लो लैंड जैमर, दस घंटे तक की डाटा रिकार्डिग, इजरायली हेल्मेट उभार वाले डिस्प्ले, इन्फ्रारेड सर्च एवं ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से लैस है। इसका रडार सिस्‍टम 100 किलोमीटर की रेंज में एक साथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है। इसके अलावा इसमें लगा ह्यूमन मशीन इंटरफेस इसे दूसरे विमानों से ज्यादा सक्षम बनाता है। यही राफेल इस बार एयरफोर्स की झांकी का सबसे बड़ा आकर्षण है, जो पहली बार परेड का हिस्‍सा बन रहा है।   
 

 


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Edited By

Ashish panwar

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