आखिर कौन हैं जैन मुनि बुद्धिसागर, जिसकी PM मोदी ने लाल किले से किया जिक्र

Friday, Aug 16, 2019 - 04:24 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत के 73 वां स्वतंत्रता दिवस (Independence day) पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) नई दिल्ली में लाल किले (Red Fort) से राष्ट्र को संबोधित किया। अपनी प्रचंड जीत के साथ दूसरे कार्यकाल के लिए पद संभालने के बाद पीएम मोदी का यह पहला भाषण था। अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में, पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 (Article 370) और ट्रिपल तलाक (Triple talaq) के खिलाफ कानून बनाने के केंद्र के फैसले के साथ पानी के महत्व को बताते हुए जैन मुनि बुद्धिसागर सूरीश्वरजी महाराज (Jain Monk Buddhaisagar )बारे में बात की। उनके भाषण में 'नागरिक', 'स्वतंत्रता' (Independence) और 'पानी' (Water)  जैसे शब्दों का बोलबाला था। पीएम मोदी ने 'पानी' शब्द का 24 बार, नागरिक '47 बार' उल्लेख किया, जबकि 'स्वतंत्रता' उनके 92 मिनट के लंबे भाषण (Speech) के दौरान 30 बार Reflect हुई।



नागरिकों की भावनाओं से मिलती है ताकत 
प्रधानमंत्री ने कहा- हमने मंत्र सबका साथ-सबका विकास (Sabka Sath Sabka Vikas) के साथ शुरू किया था, लेकिन पांच साल के भीतर, देशवासियों ने राष्ट्र (Nation) को सबका विश्वास के रंग से रंग दिया है। पिछले पांच वर्षों में हम पर जो भरोसा और विश्वास सभी ने दिखाया है, वह हमें और अधिक दृढ़ता के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने भाषण के दौरान कहा , 'जैन मुनि महुड़ी ने लिखा है कि एक दिन ऐसा आएगा जब पानी किराने की दुकान में बेचा जाएगा. उन्होंने यह 100 साल पहले लिखा था।' 'आज हम किराने की दुकान से पानी लेते हैं। जल संचय का यह अभियान सरकारी नहीं बनना चाहिए, जन सामान्य का अभियान बनना चाहिए।'

 

आखिर कौन है जैन मुनि बुद्धिसागर सूरीश्वरजी महाराज
वह संत बुद्धी सागरजी के नाम से जाने जाते है, लेकिन उनके बचपन का नाम बहेचर था। उन्होंने छह साल की उम्र में  गांव के स्कूल में अपनी शिक्षा शुरू की। वह अपने शिक्षकों के बेहद प्रीय शिश्य थे। बुद्धिसागरजी जी एक जैन मुनि थे पर उनका जन्म महुड़ी उत्तर गुजरात के पटेल परिवार में हुआ था।
 


जल्द शुरू होगा जल-जीवन मिशन
पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की हमारी सरकार बहुत जल्‍द जल- जीवन मिशन (Jal Jeevan mission) शुरू करेगी, जिसमें साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा की धनराशि खर्च की जाएगी। PM मोदी ने कहा कि आम आदमी को पानी के महत्‍व को समझाते हुए पीने के पानी के संरक्षण की दिशा में कार्य करना चाहिए। पानी संरक्षण के लिए जो आज तक किसी सरकार ने नहीं किया वह उनकी सरकार करेगी। इसी  में बोलते हुए मोदी ने बुद्धि सागर जी महाराज (Buddhi Sagar Ji maharaj) की बात दोहराई।

इस उम्र में दीक्षा ली
25 की उम्र में दीक्षा लेने के बाद, उन्होंने अध्ययन के अपने दैनिक कर्मों और ध्यान सहित धार्मिक संस्कारों के बाद लोक कल्याण के कार्यों को करना शुरू कर दिया। शायद यही कारण होगा कि वह लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गए। विद्वानों की समितियों ने उन्हें शास्त्र विशारद (शास्त्रों का विशेषज्ञ) की उपाधि से सम्मानित किया। एक भिक्षुक को एक स्थान पर नहीं रहना चाहिए और इस बात को स्वीकार करते हुए, बुद्धी सागरजी एक स्थान से दूसरे स्थान पर और गांव से गांव तक निरंतर बढ़ते चले गए। 

Anil dev

Advertising