जुर्माना राशि बढ़ाने से वाहन चालान में आई 50 फीसद कमी

Friday, Sep 06, 2019 - 02:42 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत में रामचरित मानस का एक दोहा बहुत प्रसिद्ध है भय बिनु होइ न प्रीति यानी बिना भय के प्रेम भी नहीं होता। इसी को चरितार्थ करते हुए केंद्र सरकार ने बीते संसद सत्र में मोटर व्हीकल्स एक्ट 1988 को संशोधित कर मोटर व्हीकल्स (संशोधन) बिल 2019 पेश किया। संसद से पास होने के बाद 1 सितंबर से इसे देश भर में लागू कर दिया गया। हालांकि कुछ राज्य इसे पूरी तरह से लागू करने में नानुकर जरूर कर रहे हैं। भारत सरकार ने नए कानून को बेहद सख्त बनाया है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को भारी जुर्माने के साथ सजा का प्रावधान भी किया है।

एक उदाहरण से समझे, जहां पहले बिना हेल्मेट के वाहन चलाने पर 100 जुर्माना लगता था, अब यह राशि बढ़कर 1000 हो चुकी है। पिछले कुछ दिनों में यातायात नियमों की अवेहलना करने वालों को भारी जुर्माना भरना पड़ा है। इससे लोगों में डर का भाव पैदा हुआ है। इस नियम के लागू होने के बाद अचानक दिल्ली मैट्रों में भीड़ बढ़ने से इसे समझा जा सकता है। वहीं, दिल्ली की यातायात पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा किए जाने वाले चालान भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि दोगुना से 50 गुना तक जुर्माने की रकम बढ़ने के बाद नए नियमों का उल्लंघन करने वालों की संख्या में 1 सितंबर से पहले के मुकाबले 50 फीसद की कमी आई है। कुछ सरकार के इस कदम का स्वागत कर रहे हैं वहीं, कुछ लोग नए नियमों के विरोध में हैं।

दिल्ली की यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक कमी ओवर स्पीड के चालान में आई है। 1 सितंबर के बाद दिल्ली में परिवहन विभाग की 50 टीमों ने मिलकर 3 तीन में 754 वाहनों का चालान किया है। यातायात पुलिस की वहीं कर्मचारी चालान कर रहे हैं, जिन्होंने बॉडी वॉर्न कैमरा लगाया हुआ है। ऐसे पुलिसकर्मियों की संख्या 626 है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक नए नियमों के लागू होने से पहले अगस्त के अंत तक करीब 19 हजार चालान प्रतिदिन हो रहे थे। फरवरी से अगस्त 2019  तक ओवर स्पीड के मामले में कुल 40 लाख चालान हुए हैं। हालांकि इनकी संख्या में भी अचानक से भारी कमी आई है। जितने चालान प्रतिदिन हो रहे थे, उनकी संख्या में करीब 50 प्रतिशत की कमी आई है। संभावना है कि भविष्य में और कमी आएगी।

Ravi Pratap Singh

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