जम्मू-कश्मीर में 6 महीने और बढ़ा राष्ट्रपति शासन, राज्यसभा से विधेयक हुआ पास

Monday, Jul 01, 2019 - 09:46 PM (IST)

नेशनल डेस्कः राज्यसभा ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह माह बढ़ाने वाले सांविधिक संकल्प को आज सर्वसम्मति से पारित कर दिया जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी।  लोकसभा इस संकल्प को पहले ही पारित कर चुकी है। सदन ने संकल्प के विरोध में लाये गये भारतीय कम्युनिस्ट पाटर्ी के डी राजा के सांविधिक प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज कर दिया।       

जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 को भी सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया जिससे इस पर भी संसद की मुहर लग गयी क्योंकि लोकसभा शुक्रवार को इसे पहले ही पारित कर चुकी है। जम्मू कश्मीर में पिछले वर्ष भारतीय जनता पार्टी द्वारा गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद राज्यपाल का शासन लागू किया गया था। इसके छह माह बाद गत दिसम्बर में वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया गया जिसकी अवधि दो जुलाई को समाप्त हो रही थी।       

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने सांविधिक प्रस्ताव और आरक्षण विधेयक दोनों पर लगभग छह घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि केन्द्र का मकसद राज्य में परोक्ष रूप से शासन करने का नहीं है और जैसे ही राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के अनुकूल हालात बनेंगे और चुनाव आयोग इसकी मंजूरी देगा केन्द्र वहां तुरंत चुनाव करायेगा।       

आरक्षण विधेयक में जम्मू में अंतररष्ट्रीय सीमा से लगते क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दुश्वारियों के चलते आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। पहले केवल नियंत्रण रेखा के निकट रहने वाले लोगों को ही आरक्षण का लाभ मिलता था लेकिन अब यह सुविधा अंतररष्ट्रीय सीमा के निकट रहने वाले लोगों को भी मिलेगा।  शाह ने कहा कि देश भर में 132 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया है जिसमें से 93 बार इसका निर्णय कांग्रेस की केन्द्र सरकारों ने लिया है।

Yaspal

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