विकास के नाम पर 2019 में जहां एन.डी.ए. को मिली थी 81 सीटें, वहीं 2024 में लगा भारी झटका

punjabkesari.in Monday, Jun 17, 2024 - 11:49 AM (IST)

नेशनल डेस्क: साल 2018 में केंद्र में भाजपा सरकार ने जिन 112 जिलों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम लॉन्च किया था, वहां 2019 के लोकसभा चुनाव में 115 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 64 सीटें जीती थी और उसके सहयोगी दल 17 सीटों पर जीते थे। कुल मिलाकर एन.डी.ए. यहां 81 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहा था। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी इन 115 सीटों में से सिर्फ 56 सीटों पर और उसके सहयोगी दल 13 सीटों पर ही जीत हासिल कर सके।

इस तरह एन.डी.ए. पिछली बार मिली 81 सीटों के मुकाबले यहां 69 सीटें ही जीत पाया। एक मीडिया रिपोर्ट में किए गए विश्लेषण में कहा गया है कि एन.डी.ए. की सीटों में गिरावट का सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस को मिला है। कांग्रेस ने इन जिलों में पड़ने वाली सीटों में से 22 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि 2019 में वह 11 सीटें जीती थी। इस तरह कांग्रेस ने इस मामले में अपनी सीटों की संख्या को दोगुना किया है।

इंडिया गठबंधन को 15 के मुकाबले मिलीं 37 सीटें
इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य राजनीतिक दल यहां इस बार 15 सीटों पर जीते जबकि पिछली बार वे सिर्फ चार सीटों पर जीते थे। इस तरह 2019 में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों को 15 सीटें मिली थी लेकिन इस बार उन्होंने यहां 37 सीटें जीती हैं। हालांकि भाजपा और कांग्रेस के बीच इन जिलों में सीटों का आंकड़ा घटा और बढ़ा हो लेकिन वोट शेयर पिछली बार के बराबर ही रहा है।

भाजपा ने 49 सीटों पर दोबारा हासिल की जीत
2019 में भाजपा आकांक्षी जिला कार्यक्रम वाले जिलों में जिन 64 सीटों पर जीती थी उसमें से उसने इस बार 49 सीटें दोबारा जीती हैं जबकि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के दलों को 14 सीटें मिली हैं। भाजपा इस बार विपक्षी दलों से 6 सीटें छीनने में कामयाब रही है। 2019 के मुकाबले 49 सीटों में 33 सीटों पर भाजपा का वोट शेयर गिरा है और 20 सीटों पर उसकी जीत का अंतर भी कम हुआ है। कांग्रेस ने इन जिलों में पड़ने वाली सीटों में इस बार 17 नई सीटें जीती हैं और इसमें से 12 सीटें ऐसी हैं जो पिछली बार बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने जीती थी। हालांकि कांग्रेस को 6 ऐसी सीटों को खोना पड़ा है जो उसने 2019 में जीती थी।

सरकार के बड़े मंत्री हारे चुनाव
आकांक्षी जिला कार्यक्रम वाली सीटों में से भाजपा को जहां पर बड़ी हार मिली है, उनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की खूंटी सीट और पूर्व भारी उद्योग मंत्री महेंद्र पांडे की चंदौली सीट भी शामिल है। 115 सीटों में से आधी सीटें सिर्फ पांच राज्यों- बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में हैं। बिहार और झारखंड में एनडीए गठबंधन सीटें जीतने के मामले में आगे रहा है जबकि मध्य प्रदेश में उसने लोकसभा की सभी 29 सीटें जीती हैं। ओडिशा में भी 21 में से 20 सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल की है लेकिन उत्तर प्रदेश में एनडीए गठबंधन को संघर्ष करना पड़ा है, जहां इंडिया गठबंधन ने उससे ज्यादा सीटें अपनी झोली में डाली हैं।

आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत 10 सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में पड़ने वाली 13 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 2019 में 10 सीटें जीती थी जबकि इसके सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) को एक सीट पर जीत मिली थी। लेकिन 2024 में बीजेपी के लिए इन जिलों में सीटों का आंकड़ा गिरकर 7 रह गया जबकि सपा को चार और कांग्रेस को दो सीटों पर जीत मिली। 2019 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के दलों को इन 13 सीटों में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी।


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Content Editor

Mahima

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