सबरीमला पर दांव लगाने के बावजूद केरल में नहीं खिला कमल

Friday, May 24, 2019 - 06:04 PM (IST)

तिरुवनंतपुरम: केरल में भाजपा नीत राजग का खाता एक बार फिर नहीं खुल सका हालांकि सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे को लेकर पार्टी काफी सक्रिय थी। सबरीमाला के भगवान अयप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के कार्यान्वयन के खिलाफ भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों ने भारी विरोध किया था। पार्टी को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनावों में इसका लाभ मिलेगा।

मोर्चा को तीन क्षेत्रों- तिरुवनंतपुरम, पथानमथिट्टा और त्रिशूर से उम्मीदें थीं। इसके अलावा कुछ अन्य क्षेत्रों में मतों का प्रतिशत बढ़ने की भी उम्मीद थी। तिरुवनंतपुरम में पार्टी के दिग्गज नेता कुम्मनम राजशेखरन कांग्रेस के शशि थरूर से करीब एक लाख मतों से पराजित हो गए। राजशेखरन को 3.16 लाख मत मिले जबकि थरूर ने चार लाख से अधिक वोट हासिल किए। भाजपा ने सत्तारूढ़ एलडीएफ उम्मीदवार सी दिवाकरन को पीछे छोड़ दिया। कई एग्जिट पोल में नजदीकी मुकाबला होने की उम्मीद जताई गई थी।

भाजपा महासचिव के सुरेंद्रन ने सबरीमाला आंदोलन का नेतृत्व किया था। उन्हें भी पथानमथिट्टा में हार का सामना करना पड़ा। वह कांग्रेस नीत यूडीएफ उम्मीदवार एंटो एंटनी और माकपा नीत एलडीएफ उम्मीदवार वीना जॉर्ज के बाद तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें करीब 2.97 लाख मत मिले। भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा आरएसएस के सदस्य भी इन दोनों क्षेत्रों में काफी सक्रिय थे। भाजपा ने अभिनेता से नेता बने राज्यसभा सदस्य सुरेश गोपी को त्रिशूर से अंतिम समय में मैदान में उतारा। समय कम होने के बावजूद वह जनता का ध्यान खींचने में सफल रहे। वह 2.93 लाख वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर जीते यूडीएफ के टीएन प्रतापन को 4.15 लाख वोट जबकि दूसरे स्थान पर रहे एलडीएफ के राजाजी मैथ्यू को 3.21 लाख वोट मिले।

shukdev

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