मैने अपने कार्यकाल में कभी हुर्रियत पर शिकंजा कसने नहीं दिया : महबूबा मुफ्ती
Wednesday, Mar 13, 2019 - 05:44 PM (IST)
श्रीनगर (मजीद) : पूर्व मुख्यमंत्री और पी.डी.पी. की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान भाजपा हुरियत कांफ्रैंस और जमात-ए-इस्लामी पर शिकंजा कसना चाहती थी लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया। उन्होने कहा कि मैंने कम से कम एक महीने के लिए भाजपा को कश्मीर में युद्धविराम के लिए मजबूर किया लेकिन आतंकियों ने युद्धविराम का उल्लंघन किया। उतर कश्मीर के बांडीपुरा जिला में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय जांच एजेंसी के माध्यम से अलगाववादियों को दबाने का प्रयास करना चाहती थी, मगर उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसी कार्रवाई की इजाजत नहीं दी।
उन्होंने यह भी दावा कि भाजपा हुरियत कांफ्रैंस (एम) प्रमुख मीरवायज उमर फारुक और हुरियत कांफ्रैंस (जी) प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के खिलाफ भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा छापे मरवाना चाहती थी, परंतु उन्होंने ऐसी किसी भी कार्रवाई की विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यह नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कश्मीर में पोटा और एनआइए ने अपने पैर पसारे।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा को एक महीने के लिए कश्मीर में संघर्ष विराम के लिए विवश किया परंतु आतंकवादियों ने इसे सफल नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि वह चाहती थीं कि अलगाववादियों के साथ बातचीत हो। साल 2016 में कश्मीर में संसदीय समिति भी आई थी, परंतु अलगाववादियों ने अपने दरवाजे बंद कर दिए थे। केंद्र सरकार ने दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार नियुक्त किया। मगर अलगाववादियों ने इसका भी विरोध किया और उनका समर्थन नहीं किया।