चौंकाने वाली रिपोर्ट: 8 साल में 4000 से ज्यादा भारतीयों ने विदेशों में की खुदकशी...देखिए आंकड़े
Friday, Apr 22, 2022 - 12:16 PM (IST)
नेशनल डेस्क: विदेश मंत्रालय ने बड़ी ही चौंकाने वाला खुलासा किया है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक अरबिया देशों में भारतीयों की सबसे ज्यादा आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं। पिछले आठ साल में विदेशों में 4 हजार से ज्यादा भारतीयों ने आत्महत्याएं की हैं। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2014 से अब तक पिछले 8 सालों में 4005 भारतीयों ने विदेशों में आत्महत्या की।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक सबसे ज्यादा 1122 आत्महत्या संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में दर्ज की गईं। इसके बाद सऊदी अरब में 1024 भारतीय लोगों ने आत्महत्या की। कुवैत में यह संख्या 425 जबकि ओमान में 351, बहरीन में 180 और कतर में 165 भारतीयों ने आत्महत्या की। वहीं मलेशिया में 254, इटली में 65, ऑस्ट्रेलिया में 33, कनाडा में 30 और अमेरिका में 19 भारतीयों ने आत्महत्या की है।
आत्महत्या का कारण
विदेश मंत्रालय के अनुसार आत्महत्या या हत्या की अधिकतर घटनाएं कथित तौर पर व्यक्तिगत या पारिवारिक कारणों से हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में भारतीय लगातार दवाब में कार्य करते हैं। इसलिए भी आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। हालांकि विदेश मंत्रालय, मिशन और केंद्र विशेष रूप से भारतीय कामगारों की कुशल क्षेम को प्राथमिकता देते हैं और शिकायतों का तुरंत निपटारा किया जाता है।
भारतीय सहायता केंद्र की शुरुआत
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से भारतीय प्रवासियों की मदद के लिए प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र (PBSK) भी शुरू किया गया है। भारतीय अधिकारी विदेशों में भारतीयों के समक्ष आने वाली कठिनाइयों को कम करने और उनका समाधान करने के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं। सरकार विदेशों में भारतीय नागरिकों की शिकायतें दूर करने के लिए पहल नाम की ऑनलाइन पोर्टल भी संचालित करती है। भारतीय नागरिकों की समस्याओं को दूर करने के लिए विदेशी मिशन व केंद्रों में दिन-रात हेल्पलाइन सेवा जारी रहती है। इसके लिए ओपन हाउस आयोजित किया जाता है।
देश | आत्महत्या के मामले |
यूएई | 1121 |
सऊदी अरब | 1024 |
कुवैत | 425 |
ओमान | 351 |
मलेशिया | 254 |
बहरीन | 180 |
कतर | 165 |
सिंगापुर | 159 |
इटली | 65 |
ऑस्ट्रेलिया | 33 |
कनाडा | 30 |
अमेरिका | 19 |
फिलिपिंस | 15 |
नाइजीरिया | 12 |
श्रीलंका | 11 |
(स्रोत : विदेश मंत्रालय)