30 साल में समुद्र में समा जाएगी मुंबई

Thursday, Oct 31, 2019 - 11:04 AM (IST)

मुंबई: समुद्र का बढ़ता जलस्तर 2050 तक पूर्व अनुमानित आंकड़े से 3 गुना अधिक आबादी (1.5 अरब लोगों) को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण आने वाले 30 वर्षों में भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के पूरी तरह डूब जाने यानी समुद्र में समा जाने का खतरा है। यह बात न्यूजर्सी के विज्ञान संगठन क्लाइमेट सैंट्रल के शोध में सामने आई है। हालांकि, इस शोध में भविष्य की जनसंख्या वृद्धि और तटीय क्षरण शामिल नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लेखकों ने भूमि की ऊंचाई की गणना के लिए सैटेलाइट रीडिंग के आधार पर एक सटीक तरीका विकसित किया है।

यह बड़े क्षेत्रों में समुद्र स्तर के प्रभाव के आकलन का एक बेहतरीन तरीका है। इसमें पाया गया कि पिछली गणना हकीकत से बहुत ज्यादा दूर थी। खबर में कहा गया कि कई द्वीपों पर बने, शहर के ऐतिहासिक केंद्र के मध्य हिस्से पर इसका खतरा ज्यादा है।” अखबार ने मानचित्रों की एक श्रृंखला भी प्रकाशित की जिसमें मुंबई के साथ ही बैंकॉक और शंघाई के कुछ हिस्सों को 2050 तक डूबा हुआ दिखाया गया है। यह शोध अमेरिका में ‘क्लाइमेट सेंट्रल' के स्कॉट ए कल्प और बेंजामिन एच स्ट्रॉस ने प्रकाशित करवाया।

शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया भर में प्रभावित भूमि पर रह रहे कुल लोगों में से 70 फीसदी से अधिक चीन, बांग्लादेश, भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपीन और जापान जैसे आठ एशियाई देशों में हैं। संशोधित अनुमानों के आधार पर कहा गया है कि भारत, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और फिलीपीन में अनुमानित उच्च ज्वार रेखा से नीचे रहने वाली वर्तमान आबादी में पांच से दस गुना इजाफा हो सकता है।

Seema Sharma

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