सोशल मीडिया पर इमरान फिर ट्रोलः 58 देशों के समर्थन पर यूजर बोले UNHRC में तो इतने सदस्य ही नहीं
Friday, Sep 13, 2019 - 10:40 AM (IST)
इस्लामाबाद: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद बौखलाए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बेतुके बयान देकर सोशल मीडिया पर बार-बार ट्रोल हो रहे हैं। इस बार उनका कश्मीर को लेकर किए दावे को लेकर मजाक उड़ रहा है। इमरान खान ने कश्मीर पर बयानबाजी करते हुए ट्वीट करके दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान को 58 सद्स्य देशों ने समर्थन दिया है।
उनके इस दावे की पोल तब खुल गई जब यूजर ने इमरान को लताड़ना शुरू किया कि यूएनएचआरसी में तो हैं ही केवल 47 देश सदस्य हैं। इमरान खान ने ट्वीट किया था, ‘’मैं उन 58 देशों की सराहना करता हूं, जिन्होंने 10 सितंबर को मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में पाकिस्तान का साथ देकर विश्वसमुदाय की मांग को मजबूती दी कि भारत कश्मीर में बल प्रयोग रोके, प्रतिबंध हटाए, कश्मीरियों के अधिकारों की रक्षा हो और संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के मुताबिक कश्मीर मुद्दे का समाधान किया जाए। ’’ इमरान खान के दावे को लेकर खुद पाकिस्तानी जनता भी अपने प्रधानमंत्री का मजाक उड़ा रही है।
पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने इमरान का मजाक उड़ाते हुए ट्वीट किया है, ‘’क्या संयुक्त राष्ट्र का मानवाधिकार आयोग 47 देशों से मिलकर नहीं बना है? लेकिन पीएम 58 देशों को धन्यवाद देना चाहते हैं, मुझे लगता है वे जिन्न भी गिन रहे हैं।’’ वहीं, इमरान के इस झूठे दावे पर भारत ने कहा कि यूएनएचआरसी में झूठ और धोखे के जरिए कश्मीर मुद्दे के “राजनीतिकरण” और “ध्रुवीकरण” का पाकिस्तान का प्रयास पूरी तरह विफल हो गया और वैश्विक समुदाय उसके चरित्र से भली- भांति परिचित है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘’ पाकिस्तान, ऐसा देश जो “आतंकवाद का केंद्र’’ है, इसका “दुस्साहस’’ है कि वह जिनेवा में यूएनएचआरसी सत्र में मानवाधिकारों पर वैश्विक समुदाय की तरफ से बोलने का ढोंग कर रहा है।’’
कुमार ने पाकिस्तान के उस दावे पर भी सवाल उठाए कि करीब 60 देशों ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति पर उसके संयुक्त बयान का समर्थन किया है। पाकिस्तान के मुताबिक उसने यह संयुक्त बयान यूएनएचआरसी को सौंपा है। रवीश कुमार ने कहा, “यूएनएचआरसी में 47 सदस्य देश हैं. वे (पाकिस्तान) 60 देशों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। ’’ साथ ही उन्होंने कहा कि भारत के पास उन देशों की सूची नहीं है जिनका समर्थन प्राप्त होने का पाकिस्तान दावा कर रहा है। पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि ‘‘चार या पांच बार झूठ दोहराने से कोई बात सच नहीं होती। ’’