DGCA ने कहा, उड़ान के दौरान शौचालय से मानव अपशिष्ट नीचे गिराना असंभव

Monday, May 21, 2018 - 04:31 PM (IST)

नई दिल्ली: नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में याचिका दायर कर दावा किया है कि विमानों की उड़ान के दौरान आसमान में उसके शौचालय से मानव अपशिष्ट नीचे गिराना असंभव है। डीजीसीए ने एक याचिका दायर कर अधिकरण में याचिका दायर कर उससे अपने उस आदेश पर रोक लगाने और पुर्निवचार करने का अनुरोध किया है जिसके तहत उसे निर्देश दिया गया था कि वह इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा से परिचालित होने वाले सभी एयरलाइनों को एक परिपत्र जारी करे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे आसमान में अपने विमानों के शौचालयों की टंकी खाली नहीं करें। न्यायमूर्ति रघुवेंद्र सिंह राठौर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मूल याचिकाकर्त्ता लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सतवंत सिंह दहिया और अन्य को इस सिलसिले में नोटिस जारी कर 23 मई तक उनका जवाब मांगा है।

गौरतलब है कि दहिया ने अधिकरण में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि 2016 में दिवाली से पहले उनके दक्षिण दिल्ली स्थित आवास पर विमान से मानव अपशिष्ट गिरा , जिसके बाद अधिकरण ने डीजीसीए को निर्देश दिया था कि वह सभी एयरलाइनों को यह परिपत्र जारी करे कि यदि इस तरह की गतिविधि में उनके विमान संलिप्त पाए गए तो उन्हें पर्यावरण मुआवजा के तौर पर 50,000 रुपए अदा करने होंगे। याचिका में एनजीटी द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के तथ्यों का हवाला दिया गया था और कहा गया कि उड़ान में अपशिष्ट के निपटारे के लिए कोई स्विच या प्रणाली उपलब्ध नहीं है।

वहीं , डीजीसीए ने कहा कि आसमान से विमान के शौचालय से मानव अपशिष्ट गिराना असंभव है और किसी पक्षी ने शिकायतकर्त्ता के मकान को गंदा किया होगा, जिसके बाद एनजीटी ने अपशिष्ट के नमूने की जांच का आदेश दिया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा था कि नमूनों में मानव अपशिष्ट की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। एनजीटी ने डीजीसीए को विमानों के उतरने के दौरान औचक निरीक्षण करने को भी कहा है ताकि यह जांच की जा सके कि उनके शौचालयों की टंकी हवाईअड्डा पर उतरते समय खाली न हो।

Seema Sharma

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