जगन्नाथ रथयात्रा से लेकर स्वच्छता तक, पढ़ें मोदी के ''मन की अहम बातें''

Sunday, Jun 25, 2017 - 03:05 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगन्नाथ रथ यात्रा और ईद उल फितर के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। भगवान जगन्नाथ जी की यात्रा के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं और भगवान जगन्नाथ जी के श्रीचरणों में प्रणाम भी करता हूं। मोदी ने आकाशवाणी पर आज अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि ईद उल फितर के अवसर पर मेरी तरफ से सबको ईद की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि रमजान का पवित्र महीना पुण्य और दान का महीना है, जो पवित्र भाव के साथ मनाया गया। उन्होंने कहा कि रमजान का महीना खुशियों को बांटने का महीना है और जितनी खुशियां बांटते हैं, उतनी खुशियां बढ़ती हैं।

मन की बात की खास बातें

-भगवान जगन्नाथ गरीबों के देवता हैं। बहुत कम लोगों को पता होगा, अंग्रेज़ी भाषा में एक शब्द है juggernaut और उसका मतलब होता है, ऐसा भव्य रथ जिसे कोई रोक नहीं सकता। इस juggernaut के dictionary meaning में भी ये पाया जाता है कि जगन्नाथ के रथ के साथ में से ही ये शब्द का उद्भव हुआ है।

-योग स्वास्थ्य का उत्तम मार्ग है और इसने पूरे विश्व को जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पूरा विश्व योगमय हो गया था। गुजरात में अहमदाबाद में करीब-करीब 55 हजार लोगों ने एक साथ योग करके एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ में उन्हें योग के कार्यक्रम में शरीक होने का अवसर मिला, जहां पहली बार उन्हें बारिश में योग करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

-चीन की महान दीवार पर लोगों ने योग का अभ्यास किया तो पेरू में विश्व विरासत स्थल माचू पिच्चू पर समुद्र तल से 2400 मीटर ऊपर लोगों ने योग किया। फ्रांस में एफिल टॉवर के साए में लोगों ने योग किया जबकि अबु धाबी में 4000 से अधिक लोगों ने सामूहिक योग किया।

-देश में लगभग चार दशक पहले लगाए गए आपातकाल को याद करते हुए मोदी ने कहा कि यह काली रात देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर बड़ा आघात थी। 25 जून की रात लगाए गए आपातकाल को कोई भी लोकतंत्र प्रेमी और भारतवासी भुला नहीं सकता। तब एक प्रकार से देश को जेलखाने में बदल दिया गया था।

-मोदी ने कहा कि लोगों में पढऩे की आदत विकसित करने के लिए बुके (गुलदस्ता) देने के बजाय बुक (किताब) देने की आदत डाली जानी चाहिए। उन्होंने कहा जब वे गुजरात के सीएम थे तब सरकार में एक परंपरा बनाई थी कि किसी का स्वागत करते समय बुके नहीं बुक दी जाएगी या रूमाल से उसका स्वागत किया जाएगा और रूमाल खादी का हो ताकि खादी को भी बढ़ावा मिले।

-मोदी ने इस बार भी स्वच्छता अभियान पर खुलकर बात की। बिजनौर के एक छोटे से गांव मुबारकपुर और आंध्रप्रदेश के विजयनगरम जिले के बारे में बात की जहां स्वच्छता अभियान को भरपूर सहयोग मिला और ये गांव खुले में शौच से मुक्त हुए।

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