तत्काल प्रतिबंध के विरोध में हाईकोर्ट पहुंचा जाकिर नाइक का संगठन

Friday, Jan 13, 2017 - 05:17 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत के इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ने उनके संगठन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। याचिका में दावा किया गया है कि इस किस्म की कार्रवाई के पीछे कोई वजह नहीं बताई गई है। संगठन पर गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। यह मामला न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा के समक्ष सूचीबद्ध है। उन्होंने संगठन और केंद्र की दलीलों पर आंशिक सुनवाई की और सरकार से कहा कि वह 17 जनवरी को संबंधित दस्तावेज पेश करे ताकि अदालत यह देख सके कि संगठन पर तत्काल प्रतिबंध के लिए सामग्री है या नहीं।

आईआरएफ ने याचिका में गृह मंत्रालय की 17 नवंबर, 2016 की अधिसूचना को चुनौती दी है जिसमें यूएपीए के तहत संगठन पर तत्काल प्रतिबंध लगाया गया था। आईआरएफ के मुताबिक अधिसूचना में इसका कोई कारण नहीं दिया गया है और ऐसा कदम उठाने के लिए किसी सामग्री का हवाला भी नहीं दिया है। जबकि उच्चतम न्यायालय के मुताबिक ऐसा जरूरी है। इसमें कहा गया है कि कारण बताओ नोटिस दिए बगैर ही तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन द्वारा अदालत में पढ़ कर सुनाई गई केंद्र की अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसा कदम तत्काल उठाने की जरूरत इसलिए महसूस की गई क्योंकि संगठन के अध्यक्ष नाईक समेत इस संगठन और इसके सदस्यों द्वारा दिए कथित भाषणों और वक्तव्यों से भारतीय युवा ‘कट्टरपंथी’ बन सकते हैं और विश्वभर में चिंता का विषय बन चुके आईएसआईएस जैसे आतंकी समूहों में शामिल होने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।

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