इमाम सैयद अहमद बुखारी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जामा मस्जिद की मरम्त की मांग

Sunday, Jun 06, 2021 - 08:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली में शुक्रवार को आई आंधी में जामा मस्जिद की मीनार से पत्थर गिरने के बाद मस्जिद के शाही इमाम ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ऐतिहासिक इबादतगाह की जल्द से जल्द मरम्मत कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को निर्देश देने की गुजारिश की। इमाम सैयद अहमद बुखारी ने मोदी को लिखे पत्र में कहा ,“मस्जिद के कई पत्थर जर्जर हालत में हैं और अक्सर गिर भी जाते हैं। शुक्रवार को मस्जिद की इमारत से कुछ पत्थर नीचे आ पड़े। हालांकि लॉकडाउन की वजह से आम लोगों के लिए मस्जिद के बंद होने के चलते, बड़ा हादसा टल गया।”

उन्होंने पत्र में कहा, “इन पत्थरों के गिरने से उनके आसपास के पत्थरों की मजबूती कमजोर हो गई है और किसी हादसे से बचने के लिए फौरन मरम्मत की जरूरत है।” बुखारी ने फोन पर ‘भाषा’ से कहा, “पहले भी इस तरह के हादसे हुए हैं और उसके बाद एएसआई ने मरम्मत का काम किया है।” उन्होंने कहा कि मस्जिद की मरम्मत के लिए स्थायी बजट नहीं होने की वजह से मस्जिद में मरम्मत का काम होने में वक्त लगता है और इसके लिए पत्र लिखना पड़ता है जिसके बाद अनुमान बनता है, बजट मंजूर होता है और फिर काम शुरू होता है।

बुखारी ने कहा, “ मस्जिद में कुछ जगह के पत्थर इतने खराब हो गए हैं कि हमने उन्हें रस्सियों से बांधकर रोका हुआ है। इसलिए मैंने प्रधानमंत्री को खत लिखा है कि इंजीनियर पूरी इमारत का मुआयना करें और जो बहुत ज्यादा जरूरी है उसकी मरम्मत का काम फौरन किया जाए।” उन्होंने कहा कि मस्जिद के तीन गुंबदों में टपका लग गया था जिसका काम करीब आठ महीने पहले ही पूरा हुआ है। पत्र के मुताबिक, विशेष मामले के तौर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण 1956 से मस्जिद में मरम्मत का काम कराता आया है।

दिल्ली के लाल किले के सामने स्थित इस मस्जिद का निर्माण पांचवें मुगल बादशाह शाहजहां ने 1656 में कराया था। संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, दिल्ली की सबसे बड़ी मस्जिद में 25,000 लोग एक साथ नमाज़ अदा कर सकते हैं। इसे मस्जिद - ए - जहानुमा भी कहते हैं। यह कहा जाता है कि शाहजहां ने जामा मस्जिद का निर्माण 10 करोड़ रुपये की लागत से कराया था।

rajesh kumar

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