यमुना में फिर बढ़ रहा अवैध कब्जा, दिल्ली सरकार को नहीं जानकारी

Tuesday, Dec 25, 2018 - 11:28 AM (IST)

नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): कांग्रेस की शीला सरकार के समय यमुना की तलहटी पर बसी झुग्गी बस्ती को हटाकर लोगों को अन्यत्र बसाया गया था। लेकिन इन दिनों फिर से यमुना खादर के बड़े इलाके में तेजी से अवैध कब्जा करके झुग्गी बस्ती बनने लगी है। हैरत की बात यह है कि इस इलाके को कब्जामुक्त रखने की जिम्मेवारी भी एसटीएफ (स्पेशल टॉस्क फोर्स) के अधीन है। जिसमें डीडीए और दिल्ली सरकार दोनों शामिल हैं। लेकिन एसटीएफ के अध्यक्ष एवं डीडीए वीसी तरुण कपूर ने इस मामले में जानकारी न होने की बात कही है। 


उल्लेखनीय है कि यमुना रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना के दायरे में भी यह इलाका आता है और इसमें से कुछ हिस्सा संरक्षित क्षेत्र भी घोषित है। दरअसल यमुना को स्वच्छ रखने के लिए अवैध कब्जे के साथ-साथ मिट्टी खनन को रोकने के लिए डीडीए और दिल्ली सरकार ने संयुक्त रूप से योजना बनाई थी। इसके लिए विभिन्न स्थान पर गाड्र्स नियुक्त करने और सीसीटीवी लगाने की कार्रवाई भी अंजाम दी गई। इसके बाद एसटीएफ को भी इलाके में अवैध कब्जे से मुक्त रखने की जिम्मेवारी दी गई। लेकिन पिछले कुछ माह से यमुना खादर में तेजी से झुग्गियां बढऩे लगी हैं। 


नौबत यह है कि सीलमपुर से लेकर आईटीओ ब्रिज तक यह झुग्गी बस्ती पहुंच रही है। इसमें कच्ची शराब बनाने और नशीले पदार्थ की बिक्री से लेकर अन्य सभी तरह के असामाजिक कार्य भी हो रहे हैं। जिसकी शिकायत भी स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से की गई है। लेकिन अब तक किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया है। ऐसे में यमुना को स्वच्छ रखने और अवैध कब्जे से मुक्त रखने की जिम्मेवारी वहन कर रही एसटीएफ के अध्यक्ष तरुण कपूर से इस संबंध में पूछने पर उन्होंने मामले पर अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि वह मामले की जांच कराएंगे। क्योंकि इस तरह की कोई शिकायत उनके सामने अब तक नहीं आई है। 

vasudha

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