इंतजार खत्मः वायुसेना के बेड़े में शामिल होंगे अपाचे हेलीकॉप्टर, दुश्मन के इलाके में घुसकर मारने की क्षमता

Monday, Sep 02, 2019 - 01:17 PM (IST)

पठानकोट: भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की लड़ाकू क्षमता बढ़ाने के लिए आठ अमेरिका निर्मित अपाचे एएच-64ई लड़ाकू हेलीकॉप्टर को तीन सितम्बर को आईएएफ में शामिल किया जाएगा। एयर चीफ मार्शल बी. एस. धनोआ पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन में आयोजित होने वाले इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। अपाचे एएच-64ई दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती है। 


 


आईएएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, आठ अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर आईएएफ में शामिल होने जा रहे हैं, जो बल की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाएंगे। आईएएफ ने अपाचे हेलीकॉप्टर के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में कई अरब डॉलर का अनुबंध किया था। इसके तहत बोइंग ने 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टर में से पहले चार हेलीकॉप्टर दिए गए थे। कई अरब डॉलर का अनुबंध होने के करीब चार वर्ष बाद हिंडन एयर बेस' में भारतीय वायुसेना को अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी की गई थी। 


अपाचे हेलीकॉप्टरों की खूबियां
सैन्य सर्वेक्षण और भूभाग की पैमाइश के लिए ये हेलीकॉप्टर सबसे एडवांस्ड तकनीक से लैस हैं। ये आमने-सामने की लड़ाई में कारगर होने के साथ ही मोबाइल स्ट्राइक जैसे मिशनों में भी उपयोगी हैं।  साथ ही, वर्टिकल हमलों को भी अंजाम दे सकते हैं और वो भी दिन हो या रात, यानी खराब मौसम के दौरान भी।  इन खूबियों के बारे में कुछ डिटेल्स भी जानें कि ये सब कैसे संभव होता है। दुश्मन के इलाके में घुसकर मारने की क्षमता है।  यह एंटी टैंक हेलफ़ायर मिसाइल से भी लैस है। इसकी एक मिसाइल एक टैंक को तबाह कर सकती है। ऐसी तमाम खूबियों की वजह से अपाचे दुनिया का सर्वोत्तम हमलावर हेलीकॉप्टर बना हुआ है।

क्यों हो रही पठानकोट में तैनाती
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन से पाकिस्तान सीमा से महज 154 किलोमीटर दूर है। वहीं दिल्ली से पठानकोट की दूरी 479 किलोमीटर है। पठानकोट सीमा के जरिए पाकिस्तान लगातार घुसपैठ की कोशिश करता है। ऐसे में कयास है कि पाक की नकेल कसने और कभी भी मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अपाचे की तैनाती Pathankot air base पर हो रही है। 

 

 

Anil dev

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