तहरीक-ए-हुर्रियत के चेयरमैन का बेटा आतंकी संगठन हिज्बुल में शामिल

Saturday, Mar 24, 2018 - 07:36 PM (IST)

श्रीनगर  : कश्मीर में तहरीक-ए-हुर्रियत के नए प्रमुख के बेटे द्वारा आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन शामिल होने की खबरें सामने आ रही हैं। हुर्रियत के नए चीफ  मोहम्मद अशरफ  सेहराई के बेटे जुनैद अहमद सेराय की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। इस तस्वीर में उसके हाथ में राइफल है। इसके साथ ही उसका तमाम तरह का ब्यौरा इस फोटो पर लिखा हुआ है। इसमें यह भी लिखा है कि उसने मुजाहिद्दीन कब ज्वाइन किया है। इस फोटो पर जो डिटेल्स दिए गए हैं उनके अनुसार उसने 24 मार्च यानि आज ही आतंकी संगठन ज्वाइन किया है।


फोटो पर उपलब्ध डिटेल्स के अनुसार जुनैद अहमद सेराय का कोड नेम अमार भाई है और वह श्रीनगर के बागात बर्जुला का रहने वाला है। इसमें उसके पिता का नाम भी मोहम्मद अशरफ  सेहराई बताया गया है जो कि तहरीक-ए-हुर्रियत के चीफ  हैं। उसकी योग्यता कश्मीर विश्वविद्यालय से एम.बी.ए. बताई गई है।  बताया जा रहा है कि सेहराई का बेटा जुनैद अशरफ  खान शुक्रवार से गायब था। सेहराई के परिवार वालों का कहना है कि जुनैद को बागात इलाके में घर के पास शुक्रवार की जुमा नमाज के बाद नहीं देखा गया था। वह जब काफी देर बाद वापस नहीं आया तो उसे ढूंढने का प्रयास किया गया। बाद में इस संबंध में पुलिस से संपर्क किया गया है और लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की गई। 

गिलानी के बाद सेहराई को बनाया गया हुरिर्यत का चेयरमैन
बता दें कि इसी सप्ताह सैयद अली शाह गिलानी के इस्तीफे के बाद सेहराई को तहरीक-ए-हुर्रियत का चेयरमैन बनाया गया है। यह संगठन 2005 में अस्तित्व में आया था और गिलानी व सेहराई दोनों इसके संस्थापक सदस्य रहे हैं। सेहराई  और गिलानी अच्छे दोस्त भी रहे हैं इसीलिए माना जा रहा था कि गिलानी ने इस्तीफा देकर सेहराई के अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ किया है। हालांकि, तस्वीर की प्रामणिकता के बारे में कोई पुष्टि नही हुई हैं।  वहीं, गिलानी के करीबी सहयोगी सेहराई जो पहले तहरीक-ए-हुरियत के महासचिव रहे हैं, ने मामले के बारे में बात करने से इंकार कर दिया। उनका कहना है कि जो कुछ भी उनको कहना था उन्होंने पुलिस शिकायत में कहा है। हमें उसके ठिकाने के बारे में कुछ पता नहीं है। 

डीजीपी ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जुनैद द्वारा आतंकी संगठन में शामिल होने की अफवाहें हैं लेकिन अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। हम मामले की जांच कर रहे हैं लेकिन जुनैद द्वारा आतंकी संगठन में शामिल होने के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं हैं। साथ ही मामला दर्ज कर लिया गया है। यदि जुनैद द्वारा आतंकी संगठन में शामिल होने की आधिकारिक पुष्टि हो जाए तो यह पिछले तीन दशकों में पहली बार ऐसा होगा कि किसी वरिष्ठ अलगाववादी नेता का बेटा आतंकियों में शामिल हुआ हैं। इस बीच तहरीक-ए-हुरियत प्रमुख मोहम्मद अश्रफ सेहराई के बेटे द्वारा आतंकियों में शामिल होने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए पुलिस महानिदेशक (डी.जी.पी.) एस.पी. वैद ने सेहराई से उसके बेटे और अन्य स्थानीय युवकों को बंदूक छोडऩे की अपील करने का आग्रह किया। एक बयान में वैद ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं सेहराई से आग्रह करता हूं कि चूंकि वह कमांड में हैं, उन्हें उनके बेटे और अन्य स्थानीय युवकों से बंदूक छोडऩे की अपील करनी चाहिए। 
 

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