Weather Cycle: कितनी ऊंचाई से होती है बारिश? जानिए बादलों के बनने का पूरा 'साइंस'

punjabkesari.in Saturday, Aug 30, 2025 - 03:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हर साल गर्मियों के बाद जब आसमान में काले बादल छाते हैं और धरती पर ठंडी बारिश की बूँदें गिरती हैं तो यह नजारा सबको सुकून देता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह बारिश आंखिर होती कैसे है? हवा में उड़ते-घूमते बादल कैसे पानी गिराने लगते हैं? और इसमें जेट स्ट्रीम और समुद्री हवाओं का क्या रोल होता है? आइए जानते हैं बारिश के पीछे छिपी इस रोमांचक विज्ञान को...

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बारिश कैसे होती है?

बारिश का मूल कारण है संघनन यानी condensation कहलाता है। ये एक पूरा प्रोसेस होता है जिसमें जब धरती की सतह गर्म होती है तो वहां की नमी या पानी हवा में भाप बनकर ऊपर उठती है। जैसे-जैसे यह हवा ऊपर जाती है वह धीरे-धीरे ठंडी होती जाती है। ठंडी हवा में वो नमी छोटे-छोटे पानी के कणों में बदलने लगती है जिन्हें हम बादल कहते हैं। जब ये बादल भारी हो जाते हैं और उनमें पानी की बूंदें ज्यादा बनने लगती हैं तो वे गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे गिरती हैं। हम बता दें गुरुत्वाकर्षण एक प्रकार का बल होता है जिसके कारण धरती ऊंचाई से किसी भी चीज को अपनी तरफ खींचती या आकर्षित करती है... जब वो बूंदे निचे गिरती है तो यही बारिश कहलाती है।

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बारिश कितनी ऊँचाई पर होती है?

बारिश सामान्यतः वायुमंडल की सबसे निचली परत ट्रोपोस्पेयर में होती है। मानसूनी बादल अक्सर 6,000 मीटर तक ऊँचाई पर जाकर टीके होते हैं। इन बादलों के आपसी टकराव से वो भारी होते जाते हैं और फिर किसी पहाड़ या स्वंय के भारीपन से तेज बारिश करवाते हैं। 

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जेट स्ट्रीम और बारिश का रहस्य क्या है?

जेट स्ट्रीम बहुत तेज चलने वाली हवा होती है जो जमीन से करीब 11 से 13 किलोमीटर ऊपर, आसमान में बहती है और हमेशा पश्चिम से पूर्व की ओर चलती है। ये हवा गर्मी और सर्दी के मौसम में अपनी दिशा और जगह बदलती रहती है। सर्दियों में जेट स्ट्रीम भारत के ऊपर आ जाती है और अपने साथ पश्चिमी विक्षोभ लाकर उत्तर भारत में बारिश और बर्फबारी कराती है।

पश्चिमी विक्षोभ क्या है?

पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) भूमध्यसागर से उत्पन्न होने वाला एक चक्रवातीय तंत्र है, आसान भाषा में बोले तो नमी से भरी हवाओं का बवंडर। यह जेट स्ट्रीम के सहारे भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में आता है और सर्दियों में बर्फबारी और हल्की बारिश लाता है। कभी-कभी मानसून और पश्चिमी विक्षोभ की टक्कर से भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थितियाँ भी पैदा हो जाती हैं। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी भी में उठने वाली नमी भरी मानसूनी हवाएं भी भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में बारिश करवाती है। 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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