कैसे क्रैश हो गया सेना का बेहद सुरक्षित हैलीकॉप्टर?

Wednesday, Dec 08, 2021 - 08:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: इस हेलीकॉप्टर को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने रशिया से खरीदा था जिसे कि पहली बार फरवरी 2013 में आयोजित एयरो इंडिया शो में दिखाया गया था। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने ग्लोबल हेलीकॉप्टर इंडस्ट्री के जाने माने नाम रशियन हेलीकॉप्टर से 1.3 बिलियन डॉलर का कंट्रैक्ट दिसंबर 2008 में साइन किया था जिसके बाद इनकी डिलीवरी वर्ष 2011 से शुरू हो गई थी और 2013 तक कुल मिला कर 36 हेलीकॉप्टर की डिलीवरी हो चुकी थी।

Mi-17V5 को रशियन Mi-17 ट्रांसपोर्ट  हेलीकॉप्टर का ट्विन इंजन वर्जन बताया गया है जिसे कि खास तौर पर कर्मियों, उपकरणों और कार्गो को लाने और ले जाने के लिए बनाया गया था। इसे किसी भी तरह की भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों में इस्तेमाल में लाया जा सकता है। यह गर्म और रेगिस्तानी इलाकों में भी आसानी से उड़ान भर सकता है।  इसमें सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम मौजूद है जो बहुत ही सटीकता से इलाके के बारे में जानकारी दिखाता है।

वजन उठाने की बात की जाए तो यह हेलीकॉप्टर 13,000 किलोग्राम तक के वजन को उठाने की क्षमता रखता था। इसके जरिए 36 सैनिकों को हथियारों के साथ एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया जा सकता था।

इस हेलीकॉप्टर का फ्लोर एरिया काफी ज्यादा था और इसमें स्लाइडिंग डोर्स और पैराशूट की भी व्यवस्था थी। यह हेलीकॉप्टर 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकता था और एक बार में 580 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता था।  इसे ऐसा बनाया गया था कि यह जरूरत पड़ने पर दो सहायक ईंधन टैंक्स को भी साथ में लेकर उड़ सके जिससे यह 1,065 किलोमीटर तक की यात्रा को आसानी से तय कर सके।

इसकी ग्लास कॉकपिट में चार मल्टीफंक्शनल डिस्प्लेज़, नाइट विजन इक्विपमेंट और ऑन बोर्ड वैदर रडार भी मौजूद था, इसके अलावा इसमें ऑटोपायलेट सिस्टम भी दिया गया था। इतनी हाई टैक तकनीक वाला हेलीकॉप्टर आखिरकार क्रैश कैसे हो गया इस पर अभी सवाल खड़े हो गए हैं।

Hitesh

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