इस देश में हिंदुओं पर बढ़ें जुल्म: डर के साए में जी रहें हैं मासूम, नाबालिग लड़कियों का जबरन करवाया जा रहा धर्मांतरण

punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 11:35 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और सरकार इन पर लगाम लगाने में नाकाम रही है। पाकिस्तान के एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन, पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने अपनी हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट में इस गंभीर स्थिति पर गहरी चिंता जताई है।

जबरन धर्मांतरण और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा

एचआरसीपी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू और ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के मामलों में तेजी आई है। ये मामले अक्सर अपहरण और कम उम्र में शादी से जुड़े होते हैं, जो देश के कानूनी प्रावधानों का सीधा उल्लंघन है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिन लड़कियों का धर्मांतरण कराया जाता है, उनमें से ज्यादातर की उम्र 18 साल से कम होती है। यह एक ऐसा पैटर्न है जहाँ लड़कियों को पहले अगवा किया जाता है, फिर इस्लाम कबूल करने और शादी के लिए मजबूर किया जाता है।

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अहमदिया समुदाय पर हमला और मंदिरों को नुकसान

रिपोर्ट में केवल जबरन धर्मांतरण ही नहीं, बल्कि अहमदिया समुदाय के लोगों की टारगेट किलिंग का भी जिक्र है। एक घटना का उदाहरण देते हुए बताया गया है कि पुलिस की भारी मौजूदगी के बावजूद भीड़ ने एक अहमदिया व्यक्ति को मार डाला। इसके अलावा पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों को भी नुकसान पहुँचाने के मामले सामने आए हैं।

मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट

एचआरसीपी ने 19 अगस्त को एक सेमिनार में अपनी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए पिछला साल बेहद निराशाजनक रहा है। अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने बार-बार सरकार का ध्यान इस ओर खींचा है, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है।

 

 


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News Editor

Radhika

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