बुखारी मौत से चंद घंटे पहले थे सोशल मीडिया पर एक्टिव, मानवाधिकार का करते रहे बचाव

Thursday, Jun 14, 2018 - 11:53 PM (IST)

नई दिल्लीः अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में मारे जाने से महज कुछ घंटे पहले राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी ने ट्विटर पर तब अपने काम का जबर्दस्त बचाव किया जब दिल्ली के कुछ पत्रकारों ने उन पर कश्मीर को लेकर ‘पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग’ करने आरोप लगाया। उन्होंने घाटी में कथित मानवाधिकार उल्लंघन पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भी पोस्ट की थी।

उनके आखिर ट्वीटों में एक में लिखा था, ‘‘कश्मीर पर पहली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार रिपोर्ट मानवाधिकार उल्लंघन की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करती है।’’ विशिष्ट पहचान एवं मुखर बुखारी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा था, ‘‘कश्मीर में हमने पत्रकारिता गर्व के साथ की है और जमीन पर जो कुछ होगा , हम उसे प्रमुखता से उठाते रहेंगे।’’


बुखारी की सुनियोजित हत्या की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर इस कायरना हरकत पर आश्चर्य और क्षोभ के साथ प्रतिक्रिया आने लगी। नेताओं, पत्रकारों और आम लोगों ने शोक प्रकट किया और इस कायराना हरकत की निंदा की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, ‘‘राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या कायराना हरकत है। यह कश्मीर की विचारशील आवाज को दबाने की कोशिश है। वह साहसी एवं निर्भीक पत्रकार थे। उनकी मौत से बहुत स्तब्ध और दुखी हूं। मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवार के साथ हैं।’’


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘वह बहुत बहादुर थे जिन्होंने जम्मू कश्मीर में न्याय और शांति के लिए निडरता से संघर्ष किया। मेरी संवेदना उनके परिवार के प्रति है। वह बहुत याद आयेंगे।’’

 


एमनेस्टी इंडिया ने एक संदेश में कहा, ‘‘हम राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या की खबर से बहुत निराश हैं। वह बहादुर और जम्मू कश्मीर में इंसाफ एवं समानता के लिए मुखर आवाज थे।’’ पत्र सूचना कार्यालय के महानिदेशक सितांशु कार, क्षेत्र के सैन्य कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) सैयद अता हसनैन ने भी उनकी मौत पर दुख प्रकट किया।

श्रीनगर में लालचौक इलाके के पास कड़ी सुरक्षा वाले प्रेस एंक्लेव के नजदीक बुखारी को गोली मार दी गयी। वह एक इफ्तार पार्टी में जा रहे थे।

 

 

 

 

Yaspal

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