कोर्ट ने इसलिए खारिज की हनीप्रीत की जमानत याचिका, जानिए क्या हुआ कोर्टरूम में

Wednesday, Sep 27, 2017 - 12:55 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के दो मामलों में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की दोषसिद्धि के बाद हिंसा भड़काने और देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रही प्रियंका तनेजा उर्फ हनीप्रीत इंसां की मंगलवार को ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि वह किसी भी तरह के विवेकाधिकार वाली राहत पाने की हकदार नहीं हैं क्योंकि वह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की 25 अगस्त को दोषसिद्धि के बाद फैली हिंसा के बाद से ही गिरफ्तारी से बच रही है। न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने कहा कि राम रहीम की दत्तक पुत्री हनीप्रीत का आवेदन सही नहीं है और इसे समय हासिल करने और हरियाणा के पंचकूला की अदालत में चल रही सुनवाई को विलंबित करने के लिए दाखिल किया गया है।

सरेंडर करने में हनीप्रीत ने नहीं दिखाई रूचि
अदालत ने गौर किया कि हनीप्रीत ने जांच में शामिल होने या आत्मसमर्पण करने को लेकर प्रतिबद्धता नहीं जताई। वह राम रहीम की दोषसिद्धि के बाद से ही फरार है। अदालत ने कहा कि राहत के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने में सक्षम होने के लिए गिरफ्तारी से बचाव के लिए उनकी याचिका में दम नहीं है।

पुलिस को किया गुमराह
अदालत ने कहा कि हनीप्रीत के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी होने के बावजूद उसे गिरफ्तार करने के पुलिस के प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला है। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि अग्रिम जमानत देना अदालत का न्यायिक विशेषाधिकार है और इसका इस्तेमाल एहतियात के साथ किया जाना चाहिए और अदालत को संतुष्ट होना है कि आवेदन सही आधार पर दायर किया गया है और अदालत का कृत्रिम तौर पर अधिकार क्षेत्र तैयार करने के लिये आवेदक की तरफ से कोई हेराफेरी नहीं की गई है।

हाईकोर्ट ने इससे पहले 36 वर्षीय हनीप्रीत तथा दिल्ली और हरियाणा पुलिस के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद उनकी जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट ने उसके सामने अग्रिम जमानत याचिका दायर करने पर हनीप्रीत पर सवाल उठाए और कहा कि वह हरियाणा की स्थायी नागरिक हैं और, ‘‘आपके लिए सबसे आसान तरीका आत्मसमर्पण करना है।’’ दिल्ली और हरियाणा पुलिस के वकीलों ने हनीप्रीत की याचिका का कड़ा विरोध किया और कहा कि दिल्ली की एक संपत्ति का गलत पता देकर वह अदालत को गुमराह कर रही है। ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के दौरान गिरफ्तारी से बचाव के लिए होती है। हनीप्रीत राजद्रोह के मामले में जांच में शामिल होने के लिए दिल्ली से हरियाणा जाने के दौरान गिरफ्तारी से बचाव की मांग कर रही है।

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