14 अगस्त की रात ने बदल दिया हिन्‍दुस्‍तान का इतिहास

Monday, Aug 14, 2017 - 01:51 PM (IST)

नई दिल्ली: 15 अगस्‍त 1947 को भारत आजाद हुआ था। इसके एक दिन पहले की रात 14 अगस्त की उस आधी रात को हिन्‍दुस्‍तान में जो हुआ उसने देश के इतिहास और भूगोल को बदल कर रख दिया। 68 साल पहले हम अंग्रेजों की 250 वर्षो की गुलामी से आजाद तो हो गए, लेकिन जाते-जाते वह हमें बंटवारे का दर्द दे गए। 14 अगस्त की रात हिन्‍दुस्‍तान के 2 टुकड़े हुए थे जिससे लाखों लोग बेघर हो गए। एक तरफ भारत तो दूसरी तरफ पाकिस्तान बना। बंटवारे के दौरान चारों तरफ हिंसा फैली हुई थी। लोग जिनके साथ उठते-बैठते थे, वे अपनों के ही दुश्मन बन बैठे। 

विभाजन ने ली 10 लाख लोगों की जान
बंटबारे की यह दर्द लगभग 10 लाख लोगों की जान ले गया। सरहद के दोनों तरफ से लगभग एक करोड़ लोग भारत और पाकिस्‍तान चले आए। एक आंकड़े के मुताबित उस समय यह दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ी संख्या में लोगों का विस्थापन था। जानकारों का मानना है कि ब्रिटिश सरकार ने बंटवारे की प्रक्रिया ठीक से नहीं निभाई। देश में शांति व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी भारत और पाकिस्तान की नई सरकार पर आई। लेकिन दोनों देशों की नई सरकार के पास हिंसा से निपटने के जरूरी इंतजाम नहीं थे। किसी ने सोचा नहीं था कि करोड़ों लोग एक मुल्क से दूसरे मुल्क जाएंगे। 

विभाजन के खिलाफ थे कई लोग
कुछ लोग भारत विभाजन के खिलाफ थे, कुछ पक्ष में थे और कुछ ऐसे लोग थे, जो भारत के धर्म आधारित विभाजन के खिलाफ थे, तो कुछ लोग ऐसे भी थे जो यह मानते थे कि जब धर्म के आधार पर विभाजन हो ही रहा है तो फिर जनता की अदल-बदली भी होनी चाहिए और ठीक-ठीक विभाजन होना चाहिए ता‍कि बाद में किसी प्रकार का विवाद न हो। 

Advertising