अमरीका में राष्ट्रपति का चुनाव क्यों रचेगा इतिहास ?

Saturday, Jul 02, 2016 - 02:32 PM (IST)

अब यह समय आ गया है कि अमरीका में राष्ट्रपति के रूप में व्हाइट हाउस मे जाने के लिए मुख्य रूप में दो उम्मीदवारों में ही कड़ा मुकाबला होना है। इस माह होने वाली कन्वेंशन में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की हिलेरी क्लिंटन आमने-सामने हैं। इस चुनाव को ऐतिहासिक किन कारणों से माना जा रहा है ? इस पर न्यूज एजेंसी बीबीसी ने प्रकाश डाला है, उसके साभार से इस संबंध में मुख्य कारणों को बताया जा रहा है।

पहला कारण है 12वां साल। जब बराक ओबामा ने पहली बार वर्ष 2009 में  व्हाइट हाउस में प्रवेश किया था, उस समय उनकी आयु 47 वर्ष थी। अमरीका के इतिहास में वह पांचवें युवा राष्ट्रपति माने गए। जबकि रूसवेल्ट 42 वर्ष में राष्ट्रपति बने थे। अगले राष्ट्रपति उम्रदराज होंगे। इनमें यदि ट्रंप आते हैं तो वह 14 जून को अपना 70वां जन्मदिवस मना चुके हें। वे देश के सबसे बड़ी उम्र के राष्ट्रपति होंगे, क्योंकि रोनाल्ड रीगन जब यह पद संभाला था तब उनकी उम्र 69 साल थी। चुनाव से दो सप्ताह पहले हिलेरी भी अपने जीवन के 69 साल पूरे कर चुकी होंगी। यदि वह जीतती हैं तो अमरीका की दूसरी बुजुर्ग राष्ट्रपति होंगी, वह ओबामा से 12 साल बड़ी हैं।   

दूसरा कारण है न्यूयार्क। वर्ष 1944 से लेकर अब तक यह पहला मौका होगा जब न्यूयार्क के दो लोगों ट्रंप और हिलेरी के बीच राष्ट्रपति पद के लिए  मुकाबला होगा। इससे पहले यह मुकाबला न्यूयार्क के गर्वनर थॉमस ई डेवे और फेंकलिन डी रूसवेल्ट में हुआ था। इस समय ट्रंप जीतें या हिलेरी, 71 सालों में वह पहला न्यूयार्क का निवासी होगा जो अगले वर्ष इस कार्यालय में आयोजित होने वाले समारोह में भाग लेगा। हालांकि क्लिंटन शिकागो में पैदा हुई थीं, लेकिन वे न्यूयार्क की सीनेटर हैं और यहीं उनका निवास है।

तीसरा कारएा है पैसा ही पैसा। चुनाव जीतने पर हम देख सकते हैं कि ट्रंप  ने बहुत ही कम पैसा अपने समारोह पर खर्च किया। संघीय चुनाव आयोग के रिकार्ड बताते हैं कि उन्होंने इस वर्ष अप्रैल के अंत तक 49 मिलियन डॉलर खर्च किए थे। इनमें से 36 मिलियन डॉलर उनके अपने थे। वर्ष 2000 में उम्मीदवार अल गोर ने 126 मिलियन और इसी प्रकार हिलेरी क्लिंटन ने 187 मिलियन डॉलर खर्च किए। संभव है कि अब और नवंबर तक जबरदस्त प्रचार अभियान चलाने के लिए ट्रंप सबसे खर्च करने में भी सबसे आगे निकल जाएं। जब​कि अंतिम दौर में बराक ओबामा ने 556 मिलियन डॉलर पानी की तरह बहा दिए थे।

चौथा कारण है अनुभव। यदि ट्रंप यह चुनाव जीत जाते हैं तो वे अपने आप में विशेष कहलाएंगे, क्योंकि 60 सालों से अधिक समय बीत चुका है और गर्वनर या कांग्रेस का अनुभव लिए बिना कोई भी राष्ट्रपति नहीं बना है। डी आइजनहोवर ऐसे राष्ट्रपति रहे जिनके पास राजनीतिक अनुभव नहीं था। इससे पहले 1953 में वे द्वितीय विश्वयुद्ध की गठबंधन सेनाओं के सुप्रीम कमांडर थे। आइजनहोवर से भी पहले 1929 से 1933 तक राष्ट्रपति रहे हर्बर्ट हूवर इंजीनियर और मानवतावादी थे। अब तक जो भी इस पद पर आया उनकी कैसिनों और होटलों श्रंखला नहीं थी। लेकिन ट्रंप यही बताते हैं कि उन्हें व्यापारिक सौदे करने का अनुभव है। वैसे भी वे वाशिंगटन शासन के कामों से नहीं जुड़े रहे।   

पांचवा कारण है राष्ट्रपति पद पर किसी महिला का होना। यदि हिलेरी क्लिंटन चुनीं जाती हैं तो वह अमरीका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। यूं भी वह अमरीका की सबसे बड़ी पार्टी की पहली उम्मीदवार हैं। इससे पहले रिपब्लिकन उम्मीदवार जॉन मैक्केन ने 2008 में अलास्का की गर्वनर सराह पालिन को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनकर सबको हैरान कर दिया था। वर्ष 1984 में डेमोक्रेटिक पार्टी के वाल्टर मोनडेल ने गेरेल्डाइन फेर्ररो का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए लिया था, लेकिन अब तक कोई महिला उम्मीदवार नहीं जीत पाईं।

छठा कारण है डेमो्क्रेट रिले। आश्चर्यजनक तरीके से सिर्फ दो डेमोक्रेट उम्मीदवारों को ही अब तक सफलता मिली है। वर्ष 1857 से 1861 तक जेम्स बुचनैन राष्ट्रपति रहे और हैरी ट्रूमैन व लाइनॉयड जॉनसन दोनों उपराष्ट्रपति बने राष्ट्रपति पद के लिए इनका नाम तब लिया गया जब पूर्व राष्ट्रपति का निधन हो चुका था। फिर दोनों आगे बढ़े और चुनाव जीत गए। 

यदि इस बार क्लिंटन जीतती हैं ​तो यह डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए यह बड़े गौरव की बात होगी। लेकिन सवाल है कि कौन जीतेगा यह चुनाव ? पिछले 10 महीनों में इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे दो प्रतिद्वंद्वियों की चुनावी परिस्थितियों में काफी बदलाव आया है। अब सिर्फ पांच महीने शेष बचे हैं।

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