हिंदुस्तान जिंक ने 3,823 करोड़ रुपए के जिंक टेलिंग्स रि-प्रोसेसिंग प्लांट को दी हरी झंडी
punjabkesari.in Tuesday, Aug 19, 2025 - 06:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) के बोर्ड ने राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में रामपुरा अगुचा में 10 मिलियन टन प्रति वर्ष की क्षमता वाली ज़िंक टेलिंग्स रि-प्रोसेसिंग प्लांट के लिए 3,823 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दे दी है। इस नई संयंत्र का निर्माण 28 महीनों के अंदर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी ने अपनी उत्पादन क्षमता दोगुनी करने की योजना बनाई है।
HZL के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अरुण मिश्रा ने कहा, "यह योजना हमारी 2x ग्रोथ विज़न को आगे बढ़ाने के साथ-साथ सतत विकास के हमारे व्यापक लक्ष्यों को भी सुदृढ़ करेगी। आधुनिक टेलिंग्स संचालन ऊर्जा संक्रमण के लिए जरूरी कई धातुओं की रिकवरी के नए अवसर प्रदान करता है।"
कंपनी का कहना है कि इस संयंत्र से पारंपरिक गीली टेलिंग्स डिस्पोजल के पर्यावरणीय प्रभाव को कम किया जाएगा और इससे HZL की कुल खनिज रिकवरी में भी सुधार होगा। यह भारत का पहला ऐसा संयंत्र होगा, जो पर्यावरणीय प्रभाव को कम करते हुए बेहतर सततता सुनिश्चित करेगा।
टेलिंग्स रि-प्रोसेसिंग प्लांट क्या है?
यह प्लांट अयस्क प्रसंस्करण के बाद बची हुई टेलिंग्स से कीमती धातुओं को पुनः निकालता है, जिससे खनिज की कुल रिकवरी बढ़ती है। इस संयंत्र का उद्देश्य पहले से प्रोसेस की गई टेलिंग्स से जिंक और चांदी निकालना है। इससे पहले इस वर्ष, कंपनी ने उत्पादन क्षमता दोगुनी करने के लिए लगभग 12,000 करोड़ रुपए के निवेश को भी मंजूरी दी थी, जिसमें 250 केटीपीए की रिफाइंड मेटल क्षमता वृद्धि और खदान व मिलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन शामिल हैं।
सतत विकास की दिशा में बड़ा कदम
12 अगस्त को HZL ने इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग एंड मेटल्स (ICMM) की सदस्यता हासिल की, जो खनन और धातु कंपनियों का वैश्विक मंच है। HZL भारत की पहली कंपनी बनी जो इस वैश्विक संगठन का हिस्सा बनी।
HZL की चेयरपर्सन प्रिय अग्रवाल हेब्बर ने कहा, "यह सदस्यता हमारे सतत विकास, नवाचार और जिम्मेदार संसाधन विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।" ICMM के सदस्य के रूप में, HZL पर्यावरण, सामाजिक और शासन मानकों के 40 प्रदर्शन अपेक्षाओं का पालन करेगा, जिनकी तीसरे पक्ष द्वारा जांच होगी।
IiAS ने CEO अरुण मिश्रा के वेतन पैकेज पर जताई चिंता
17 अगस्त को, वोटिंग सलाहकार संस्था Institutional Investor Advisory Services India (IiAS) ने HZL के बोर्ड में प्रस्तावित तीन प्रस्तावों की समीक्षा की।
मुख्य प्रस्ताव CEO अरुण मिश्रा की पुनर्नियुक्ति का था। IiAS ने उनकी पुनर्नियुक्ति का समर्थन किया, लेकिन वेतन संरचना को लेकर चिंता जताई। वित्त वर्ष 2025 में अरुण मिश्रा को HZL से 13.54 करोड़ रुपए और होल्डिंग कंपनी वेदांता से 6.37 करोड़ रुपए के स्टॉक ऑप्शन मिले, जिससे कुल पैकेज 19.9 करोड़ रुपए हुआ। IiAS ने अनुमान लगाया है कि वित्त वर्ष 2026 में यह वेतन 31.42 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।