मिसाल: देश की पहली महिला पुजारी जिसने नहीं किया 'कन्यादान'

Thursday, Mar 15, 2018 - 04:22 PM (IST)

नई दिल्ली:  हिंदू समाज में शादियों का खास महत्व है और यहां हिंदु विवाहों में पुरुष पुजारियों का ही वर्चस्व देखा गया है। लेकिन इस बार इसे तोड़ते हुए एक हिंदु महिला ने पुजारी बनकर कई जोड़ों की शादियां करवाई। सबसे खास बात यह है कि ये विवाह बिना कन्यादान के हुअा।

बता दें कि हिंदू समाज में शादी के वक्त कन्यादान की रस्म को सबसे ज्यादा तवज्जों दी जाती है। कहा जाता है कि कन्यादान महादान होता है। लेकिन इस रूढ़िवादी सोच को तोड़ते हुए पश्चिम बंगाल की महिला हिंदू पुजारी नंदिनी भौमिका चर्चा का विषय बनी हुई हैंं। उन्होंने बिना कन्यादान की रस्म अदा किए लगभग 40 शादी संपन्न कराई हैं।

नंदिनी भौमिक ने कहा, "मैं पितृसत्तात्मक मानसिकता से दूर रहना चाहता हूं, जहां माता-पिता अपनी कन्या (बेटी)  एक वस्तु की तरह व्यवहार करते हैं और उन्हें दान के रूप में दे रहें है।' महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल कायम करते हुए नंदिनी भौमिका ने शादी ने अनुत्ती जनार्दन और अर्का भट्टाचार्य की शादी (24 फरवरी) बिना कन्या दान के शादी संपन्न कराई। नंदिनी जाधवपूर यूनिवर्सिटी में संस्कृत की शिक्षिका हैं और उन्होंने 10 साल में 40 से ज्यादा शादियां करवाई है। 

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