तेजी से पिघलेगी बर्फ, भारत समेत 8 देशों के लिए खतरा

punjabkesari.in Wednesday, Feb 06, 2019 - 11:37 AM (IST)

काठमांडू: हिमालय और हिंदू कुश में इस सदी के अंत तक तापमान बढऩे के साथ-साथ तेजी से बर्फ पिघलने लगेगी जो चीन और भारत समेत 8 देशों की नदियों के जल प्रवाह को प्रभावित करेगा जिससे इन देशों की कृषि के साथ-साथ बड़ी आबादी पर इसका खतरनाक असर पड़ेगा।

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वैज्ञानिकों ने जारी की कड़ी चेतावनी
काठमांडू पोस्ट की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने इस आशय की कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि विशाल ग्लेशियर हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र (एच.के.एच.) बनाते हैं जो विश्व की सबसे ऊंची चोटियों माऊंट एवरैस्ट और के-2 के इलाके में स्थित है। रिपोर्ट जारी करने वाली टीम के सदस्य वैज्ञानिक फिलीपस वेस्टर ने कहा, ‘‘यह जलवायु संकट है, जिसके बारे में आपने नहीं सुना होगा।’’ इंटरनैशनल सैंटर फॉर इंटीग्रेटेड माऊंटेन डिवैल्पमैंट (आई.सी.एम.ओ.डी.) के वैज्ञानिक वेस्टर ने कहा, ‘‘ग्लोबल वाॄमग से प्रभावित ग्लेशियर से ढके पहाड़ की चोटियां एक सदी से भी कम समय में चट्टानों में बदल जाएंगी।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र की एक-तिहाई से अधिक बर्फ सन् 2100 तक पिघल जाएगी। 

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इन नदियों का प्रवाह होगा बाधित
बर्फ पिघलने से यांग्त्जी, मेकॉन्ग, सिंधु और गंगा सहित नदियों का प्रवाह बाधित होगा, जहां किसान शुष्क मौसम में ग्लेशियर के पिघले पानी पर भरोसा करते हैं। उन्होंने बताया कि पर्वतीय इलाकों में लगभग 25 करोड़ और घाटियों में 1.65 अरब लोग रहते हैं।

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भूस्खलन की घटनाएं बढेंगी
नदियों में पानी बढऩे और उसके प्रवाह में परिवर्तन से भी जल विद्युत उत्पादन को नुक्सान पहुंच सकता है और पहाड़ों के खिसकने तथा भूस्खलन की घटनाएं बढ़ जाएंगी।

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1.5 मी. तक बढ़ जाएगा समुद्र स्तर
हिंदू कुश हिमालय क्षेत्र में बर्फ  पिघलने से 1.5 मीटर तक समुद्र का स्तर बढ़ जाएगा। यह क्षेत्र पूरे अफगानिस्तान, बंगलादेश, भूटान, चीन, भारत, म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान में 3500 किलोमीटर तक फैला हुआ है।


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Anil dev

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