Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा पर हाईलेवल बैठक, NSA डोभाल भी रहे मौजूद...सुरक्षा तैयारियों पर की समीक्षा

Tuesday, May 17, 2022 - 04:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो हाई लेवल बैठकों में जम्मू कश्मीर में होने वाली अमरनाथ यात्रा से जुड़ी साजो-सामान और सुरक्षा व्यवस्था की मंगलवार को समीक्षा की। एक के बाद एक हुई बैठकों में यात्रा को लेकर चर्चा की गई, जो दो साल बाद इस साल 30 जून से शुरू होगी और यह ऐसे वक्त में हो रही है, जब केंद्र शासित प्रदेश में हाल में कश्मीरी पंडितों समेत अन्य लोगों की लक्षित हत्याएं की गई हैं।

 

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों ने भी दोनों बैठकों में शिरकत की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह तीर्थयात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए बैठक में शामिल हुए। 

 

इस पर हुई चर्चा
वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए साजो-सामान पर चर्चा के लिए स्वास्थ्य, दूरसंचार, सड़क परिवहन, नागरिक उड्डयन, आईटी मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। यह यात्रा 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर तक की जाती है, जो भगवान शिव को समर्पित है। वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2020 और 2021 में कोरोना वायरस महामारी के कारण नहीं हो सकी थी। साल 2019 में, अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने से ठीक पहले इसे संक्षिप्त कर दिया गया था। यह सरकार के लिए बड़ी सुरक्षा चुनौती है। इस तीर्थयात्रा में लगभग तीन लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है और यह यात्रा 11 अगस्त को संपन्न हो सकती है। 

 

सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था
अधिकारियों ने बताया कि हरेक यात्री को उनकी गतिविधियों और सुरक्षा पर नजर रखने के लिए ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन' (RFID) टैग दिए जाएंगे। इससे पहले RFID टैग सिर्फ तीर्थयात्रियों की गाड़ियों को दिए जाते थे। अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के दो मार्गों पर अर्धसैनिक बलों के कम से कम 12,000 जवानों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों कर्मियों को भी तैनात किए जाने की उम्मीद है। तीर्थयात्रा का एक मार्ग पहलगाम से है और दूसरा बालटाल होते हुए है। ड्रोन कैमरे सुरक्षा बलों को यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद से घाटी में गैर मुस्लिमों और बाहरी लोगों पर हमले की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

Seema Sharma

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